दुर्ग. प्रोटीन की बहुतायत को देखते हुए प्रथम विश्वयुद्ध के समय जर्मनी में ओयस्टर मशरूम का व्यावसायिक उत्पादन आरंभ किया गया था ताकि विलियम कैसर के सैनिकों को प्रोटीन और विटामिन से भरपूर भोजन मिल सके। इसके गुणों को और विशिष्ट स्वाद के चलते इसकी लोकप्रियता इतनी फैली है कि दुनिया भर में इसका कामर्शियल उत्पादन शुरू हो गया है। ग्राम बोरवाय में भी स्वसहायता समूह की महिलाएं इस संबंध में आगे आई हैं। उन्होंने इसका प्रशिक्षण लिया है और स्थानीय बाजार के लिए पहली खेप मशरूम की तैयार की है। स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती अन्नपूर्णा साहू ने बताया कि जामगांव में इसकी अच्छी डिमांड है। वहां जो लोग मशरूम के शौकीन हैं उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही माल के उठाव की बढ़ी संभावनाएं हैं। उल्लेखनीय है कि अभी मशरूम का उत्पादन डिमांड की तुलना में काफी कम है। स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने से तथा वहीं खपत होने से कम मूल्य पर यह पौष्टिक खाद्य लोगों को उपलब्ध होगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी परमेश ने बताया कि हम लोग लगातार इन्हें अपग्रेड करेंगे। अभी 23 से 25 तारीख तक राष्ट्रीय कृषि मेला लगने वाला है। इस मेले में भी प्रदर्शन किया जाएगा.