रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर 2 अक्टूबर 2019 को शुरू हुए प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। पिछले चार महीनों में प्रदेश के लगभग 60 हजार बच्चों को सुपोषित करने में सफलता मिली है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया के कुशल निर्देशन में प्रदेश की आंगनबाड़ियों में सुपोषण अभियान का प्राथमिता के साथ संचालन किया जा रहा है। इसके के तहत आंगनबाड़ियों में 3 लाख 15 हजार हितग्राहियों को गर्म भोजन प्रदान किया जा रहा है। साथ ही 3 लाख 81 हजार हितग्राहियों को अतिरिक्त पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। अतिरिक्त पोषण आहार में हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ अण्डा, लड्डू, चना, गुड़, अंकुरित अनाज, दूध, फल, मूंगफली और गुड़ की चिक्की, सोया बड़ी, दलिया, सोया चिक्की और मुनगा भाजी से बनेे पौष्टिक और स्वादिष्ट आहार दिये जा रहे हैं। इससे बच्चों में खाने के प्रति रूचि जागृत हुई है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सब्जियों और पौष्टिक चीजों के प्रति भी जागरूकता बढ़ाई जा रही है। इससे पोषण स्तर में सुधार आना शुरू हो गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले में 1 हजार 227, सूरजपुर में 6 हजार 674, बलरामपुर में 9 हजार 885, कोरिया में 4 हजार 353, जशपुर में 3 हजार 645, बिलासपुर में 3952, कोरबा में 1 हजार 443, जांजगीर में 4 हजार 329, रायगढ़ में 3 हजार 790, मुंगेली में 387, रायपुर में 1 हजार 208,बलौदाबाजार में 1 हजार 251, धमतरी में 404, गरियाबंद में 1 हजार 288, महासमुंद में 425, दुर्ग में 2 हजार 960, कबीरधाम में 842, राजनांदगांव में 2 हजार 242,बालोद में 1 हजार 291, बेमेतरा में 808, बस्तर में 1 हजार 46, दंतेवाड़ा में 2 हजार 17, कोण्डागांव में 541, बीजापुर में 673, कांकेर में 1 हजार 175, सुकमा में 1 हजार 426 और नारायणपुर जिले में 463 बच्चों के कुपोषण स्तर में अंतर आया है। उल्लेखनीय है कि बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरबा, सरगुजा, कोरिया एवं कुछ अन्य जिलों की चुनिन्दा पंचायतों में एनीमिया एवं कुपोषण के पीड़ितों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का कार्य ‘पायलट प्रोजेक्ट‘ के रूप में शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के शुरू होते ही इसे अब पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।