रायपुर. पिछले अगस्त महीने के अंतिम दिनों में प्रदेशभर में भारी वर्षा हुई जिसके कारण महानदी के बढ़ते जल स्तर ने रायगढ़ जिले के पुसौर, सरिया, सारंगढ़ क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों को अपनी चपेट में ले लिया और इन गांवों में नदी का पानी भर गया। जलभराव के बाद जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकाल कर बाढ़ राहत कैम्पों में ठहरने की व्यवस्था करनी पड़ी साथ ही ग्रामीणों के पशुओं के लिये भी चारे इत्यादि की व्यवस्था की गई। बाढ़ की पानी में घिरे गांवों में पुलिस द्वारा होमगार्ड की टीम के साथ दिन-रात बरसते पानी में लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
जिला प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियां द्वारा राहत कैम्पों में भोजन, चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सेवाओं की यथोचित व्यवस्था करायी गई। कलेक्टर भीम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने स्वयं राहत शिविरों में जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली तथा सुविधाओं को बढ़ाने का निर्देश दिये।
बाढ़ प्रभावित गांवों से बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद भी उनके घरों के सूखने और सफाई होने तक बाढ़ पीडित राहत शिविरों में थे, जिनसे पुलिस अधीक्षक रायगढ़ श्री संतोष कुमार सिंह जाकर मिले, उनसे चर्चा किये और उनकी समस्याएं सुनी। प्रभावितों ने चर्चा में कच्चे मकानों को सुधार कराये जाने में मदद की गुहार लगाई, एसपी द्वारा प्रशासन की ओर से नुकसान का आंकलन के बाद उचित मुआवजा मिलने की जानकारी दी और पुलिस द्वारा भी यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया।
पुलिस द्वारा जनसहयोग से बाढ़ पीडितों की मदद के लिये जीवनापयोगी, पुर्नवास के सामानों को एकत्र करने ‘संवेदना‘ कैंपेन चलाने का निर्णय लिया गया। कैंपेन अपनी पूरी रफ्तार में था कि इसी बीच एसपी रायगढ़ के कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आयी परन्तु एसपी रायगढ़ और उनकी टीम द्वारा कैंपेन पर इसका कोई असर नहीं होने दिया। वहीं एसपी ने ऑनलाइन सभी अधिकारियों को गाइड करना प्रांरभ किया। स्थानीय निवासियों और संस्थाओं द्वारा पूरी दरियादिली से थाना-चौकी में बाढ़ पीड़ितों में वितरण के लिये आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराते रहे, जिससे राहत सामग्रियों का पर्याप्त संग्रहण हो गया।
पुलिस अधीक्षक के दिशा-निर्देशों पर कार्य करते हुए एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा द्वारा सामग्री वितरण के लिये सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को लाइनअप किया। बाढ़ प्रभावितों के नुकसान का आंकलन थाना प्रभारियों से कराया, जिन्हें पुर्नवास सामग्रियों की ज्यादा आवश्यकता है, उन्हें चिन्हांकित कर सूची तैयार की गई।
अभी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दूरस्थ थाना क्षेत्र कापू, धरमजयगढ़, लैलूंगा से राहत सामग्री लोड कर थानों के लिये निकली थी। आज सुबह भी कई थानों से राहत सामग्री लेकर वाहन पुसौर, सरिया, सारंगढ़, कोसीर थाना पहुंचे। सुबह से देर शाम तक लोगों को आना प्रारंभ हुआ।
कोरोना को देखते हुये आवश्यक सावधानी के साथ एक घंटे में न्यूनतम लोगों को परिसर में आने की अनुमति थी। बाढ़ पीडितों में आवश्यकता अनुसार कंबल, लूंगी, धोती, गमछा, साड़ी, एलवेस्टर टिन शेड, तिरपाल, सीमेंट, जूता चप्पल, रेडीमेड कपड़े, बांस, बर्तन, बाल्टी, मग, गद्दा, चटाई, मच्छरदानी, चादरे, साबुन, सर्फ, टॉर्च और राशन सामग्री का वितरण किया गया तथा वाहनों से उनके गांवों तक सामानों को पहुंचाया गया।
पहले दिन सबसे प्रभावित परिवारों में सरिया के 21 गांव के 217 परिवार, पुसौर के 13 गांव के 133 परिवार, कोसीर के 09 गांव के 51 परिवार एवं सारंगढ क्षेत्र के 05 गांव 50 परिवारों को राहत सामग्री वितरण हुआ है। अगले कुछ दिनों में हजारों परिवारों तक सामानों का वितरण किया जावेगा। अभी भी कुछ सहयोगकर्ताओं द्वारा कैम्पेन को सहयोग किया जा रहा है, ऐसे में उन सामग्रियों का वितरण गांव-गांव जाकर पुलिस टीम करेगी।
थाना परिसर में आये बाढ़ पीडितों द्वारा पुलिसकर्मियों का आभार व्यक्त किया गया। ग्राम सिलाड़ी के एक बुजुर्ग बताते है कि हमर गांव बाढ़ आये रहिस, साहब मन आये रहिन, रायगढ़ ले एसपी साहब मन। ओ मन देखिन हमन ला, अउ पुसौर थाना बुलाके हमन ला समान देहें, जे-जे समान मांगे रहेन दिन हे।
ग्राम बाराडोली की निशक्त वृद्ध महिला अपनी जबानी बताई कि हमारा गांव बाराडोली बाढ़ से डूब गया था, तब भी पुलिस बाबू आकर मदद किये थे, आज थाना बुलाकर भी पुलिस बाबू मदद किये हैं, मेरा कोई नहीं है, मुझे सब सामान दिया गया है मैं बहुत खुश हूं। इस कैंपेन को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी लोगों और संस्थाओं को रायगढ़ पुलिस की ओर से धन्यवाद।
रायगढ़ में अगस्त के अंतिम सप्ताह में महानदी में आये बाढ़ से हजारों लोगों को जिला प्रशासन व पुलिस की मदद से बचाव कर राहत शिविरों में रखा गया था। प्रशासन राहत राशि के लिये सर्वे कर रहा है।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों हेतु लोगों के सहयोग से ‘संवेदना‘ अभियान चलाया गया। जिसमें हजारों पीड़ित परिवारों में टिन शेड, सीमेंट, तिरपाल, बांस, कपड़े, गद्दे, बर्तन आदि बांटे जा रहे है। अभी भी पुलिस का संवेदना अभियान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी है।