नकली नोट खपाने के मामले का फरार आरोपी गिरफ्तार, जेल दाखिल, एक आरोपी की पहले हो चुकी है गिरफ्तारी

जांजगीर-चाम्पा. मामले का विवरण इस प्रकार है कि 29.11.19 को दोपहर में नैला फाटक के पास अन्नपूर्णा किराना दुकान में दो युवक गुटखा खरीदने के बहाने से 50 रुपये के नकली नोट से दुकान में गुटखा खरीद रहे थे.
दुकान संचालक को संदेह होने पर फाटक के पास ड्यूटी कर रहे यातायात आरक्षक को बताया, जिस पर आरोपी विष्णु दास वैष्णव पिता तुलसी दास उम्र 25 वर्ष, साकिन करमंदा थाना बलौदा को पकड़ा गया, जिसके कब्जे से 50-50 रुपये के कुल 63 नग एवं 500 के 4 नग नोट एवं नोट छापने का प्रिंटर एवं अन्य सामान को जब्त कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था.
मुखबिर से सूचना मिली कि मामले का फरार दूसरा आरोपी विमल दास पिता श्याम दास वैष्णव निवासी करमंदा का बहुत दिनों बाद अपने घर आया हुआ है. मुखबिर सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया. पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर ( भापुसे ) के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मधुलिका सिंह एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जांजगीर जितेंद्र चंद्राकर के मार्गदर्शन में फरार आरोपी विमल दास पिता श्याम दास वैष्णव, उम्र 28 वर्ष साकिन करमंदा थाना बलौदा को रेडकर गिरफ्तार किया गया.
आरोपी से पूछताछ करने पर बताया कि आरोपी विष्णु दास के साथ मिलकर नकली नोट छपाई करते थे और वह नकली नोट खपाने के लिए भी साथ जाता था. घटना दिनांक को भी वह नैला फाटक के पास विष्णु दास के साथ नकली नोट खपाने गया था, लेकिन मौका देखकर फरार हो गया था और पकड़े जाने के डर से लगातार ठिकाने बदल रहा था. आज फरार आरोपी को पकड़ा गया.
आरोपी को 489 क, ख़, ग, घ, 34 भादवि के तहत गिरफ्तार किया गया. आरोपी को माननीय न्यायालय पेश किया गया है, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.
उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी नैला उपनिरीक्षक ओमप्रकाश कुर्रे एवं चौकी स्टाफ का योगदान रहा.
पुलिसकर्मियों ने नहीं लगाया मास्क, कैसे रुके कोरोना संक्रमण ?
जिला प्रशासन द्वारा कोरोना से बचाव के लिए मास्क लागाने, सोशल डिस्टेंस रखने को लेकर लगातार अपील की जा रही है, लेकिन इस पर लोगों द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है. जब जिम्मेदार पुलिसकर्मी ही मास्क को लेकर लापरवाही बरते तो सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ऐसे ही थमेगा कोरोना संक्रमण ?
नैला उपथाना की पुलिसकर्मियों ने आज नकली नोट के आरोपी के साथ मीडिया को जो तस्वीर जारी की है, उसमें पुलिसकर्मियों ने मास्क नहीं पहना है और ना ही आरोपी ने मास्क पहना है. केवल एक पुलिसकर्मी ने मास्क लगाया है, उनका भी मास्क, मुंह से नीचे है. ऐसे में सवाल यही है कि क्या ऐसी ही लापरवाही से कोरोना से बचा जा सकता है ?
जिले के कई थाना के पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, फिर भी ऐसी लापरवाही, समझ से परे है.



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