पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेलवे को 33 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी, 11 ट्रेन को गंतव्‍य तक पहुंचने से पहले ही रोका गया, रेलवे को बड़ा नुकसान

नई दिल्ली. पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेलवे को 33 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी है, जबकि 11 ट्रेन को गंतव्‍य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया है. इस बीच किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.
पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते भारतीय रेल को अकेले मालभाड़े से होने वाली आमदनी में 1,670 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ज्ञात हो कि किसानों के इस आंदोलन को 52 दिन हो चुके हैं. इस आंदोलन के चलते 16 नवंबर तक 1,986 यात्री रेलगाड़ियां और 3,090 मालगाड़ियां रद्द हो चुकी है, वहीं रेलवे ने प्रदर्शनकारी किसानों के केवल मालगाड़ियां शुरू करने के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है. इससे संकट और गहरा गया है. आंदोलन के चलते रेलवे को हर रोज करीब 36 करोड़ मालभाड़े के नुकसान का अनुमान है.
किसानों के प्रस्‍ताव पर रेलवे ने सख्‍त रुख अपनाते हुए कहा है कि राज्‍य में चलेंगी तो यात्री रेलगाड़ियां और मालगाड़ियां दोनों, अन्‍यथा कोई गाड़ी नहीं चलेगी. यहां बता दें कि बीते दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल के साथ किसानों की बातचीत का कोई हल नहीं निकल पाया था.
राज्‍य में मालगाड़ियों का परिचालन नहीं होने से उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है. पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलदू सिंह ने कहा कि केंद्र ने पंजाब के किसानों, कारोबारियों और श्रमिकों के खिलाफ अड़ियल रवैया अपनाया है. हम इसकी निंदा करते हैं.
किसान यूनियन के नेता के मुताबिक करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और लाखों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर से दिल्ली जाने को तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी का हवाला देकर राष्‍ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शनों को अनुमति नहीं दी है.
पूरे देश के 200 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन का आह्वान किया है.



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