जांजगीर-चाम्पा. 13 वर्षीय नाबालिग लड़की की लज्जा भंग करने की आशय से उसका हाथ बाह पकड़ कर छेड़छाड़ कर लैंगिक उत्पीड़न करने वाले अभियुक्त को फास्ट ट्रैक कोर्ट/ पाक्सो कोर्ट सक्ती की न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
हसौद थाना क्षेत्र अंतर्गत 24 अप्रैल 2018 को एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की को दोपहर खेत में अभियुक्त दिलेशर उर्फ दिलेश्वर ने उसकी लज्जा भंग करने के आशय से हाथ बांह पकड़कर लैंगिक उत्पीड़न कारित किया था तथा 26 अप्रैल 2018 को अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर नाबालिग अभियोक्तरी के पिता को जान से मारने की धमकी दी थी।
उक्त आशय की रिपोर्ट पीड़ित पक्ष के द्वारा थाना हसौद में दर्ज कराए जाने पर आरोपीगण के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर थाना हसौद द्वारा विवेचना किया गया एवं विवेचना उपरांत न्यायालय में अभियुक्त गण के विरुद्ध चालान पेश किया गया था। पाक्सो कोर्ट सक्ती द्वारा विचारण उपरांत अभियुक्त दिलेश्वर पर अपराध प्रमाणित पाए जाने पर उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 तथा पाक्सो एक्ट की धारा 8 एक ही प्रक्रिया के अंग होने के कारण धारा 8 पाक्सो एक्ट के अपराध के लिए 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है तथा जुर्माना की राशि अदा नहीं किए जाने पर 3 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगताये जाने एवं जुर्माना की राशि न्यायालय में जमा होने पर अपील अवधि पश्चात अर्थदंड की राशि में से 2000 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को दिलाए जाने की आदेश पारित किया है।
अभियोजन की ओर से शासकीय विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिवक्ता राकेश रोशन महंत ने पैरवी की।