पिछले एक साल से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर जारी है। जहां एक ओर देश और दुनिया अब महामारी से उबरने लगे हैं। वहीं इसके विपरीत महाराष्ट्र में महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र में 6 फरवरी से 12 फरवरी तक यानी छह दिन में कोरोना वायरस के 20,590 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 20,200 लोग ठीक हो गए हैं जबकि 169 लोगों की जान गई।
कोविड -19 मामलों की संख्या में राज्य का साप्ताहिक औसत 2,941 था। वहीं बुधवार से दैनिक मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। इसी के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामले 21 लाख के पार पहुंच गए हैं। जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 1,972,475 हो गई है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में लॉकडाउन खत्म होने के बाद तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। इसके अलावा राज्य में स्कूल भी धीरे-धीरे फिर से खुल रहे हैं।
हफ्ते में सबसे कम मामले सोमवार को आए
महाराष्ट्र में बुधवार को 3,451 मामले, गुरुवार को 3,297 और शुक्रवार को 3,670 मामले सामने आए, जो इस सप्ताह के दौरान सबसे अधिक हैं। वहीं हफ्ते भर में कोरोना वायरस से सबसे अधिक मौतें 36 शुक्रवार को हुईं। वहीं सोमवार को सबसे कम संक्रमण के मामले 2,216 और मौतें 15 दर्ज की गईं।
बता दें कि 16 जनवरी से देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। अपने देश में लोगों को बचाने के साथ ही भारत अब पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन भेजकर मदद कर रहा है। इसे भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी माना जा रहा है। रविवार को अफगानिस्तान में भारत से भेजी गई वैक्सीन की पहली खेप पहुंची है। भारत की तरफ से अफगानिस्तान को एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन की 500,000 डोज भेजे गए।
बता दें इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक इंतजार है।स्वास्थ्य मंत्रालय में टीकाकरण कार्यक्रम के प्रमुख गुलाम दस्तगीर नाजरी ने बताया कि काबुल में खुराक तब तक संग्रहित की जाएगी, जब तक कि आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी न मिल जाए। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते के भीतर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की संभावना है।