देवरानी-जेठानी नाला से क्षेत्र के कृषक गढ़ेंगे अब नई कहानी, 5 किलोमीटर भू-भाग में जल आवर्धन का हुआ कार्य

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी से होकर गुजरने वाली खारून नदी का देवरानी-जेठानी नाला से अब पाटन और गुरूर ब्लॉक के कृषक अच्छा लाभ उठाते हुए अपनी नई कहानी गढ़ेंगे। यह राज्य शासन की महत्वकांक्षी ‘नरवा विकास योजना’ के तहत कैम्पा मद से 01 करोड़ 34 लाख रूपए की लागत राशि से 406 भू-जल आवर्धन संबंधी संरचनाओं के निर्माण से संभव हो पाया है।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण के अंतर्गत प्रदेश के वन क्षेत्रों के नाला में काफी तादाद में भू-जल आवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण तेजी से जारी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि देवरानी-जेठानी नाला दुर्ग जिले के पाटन और बालोद जिले के गुरूर क्षेत्र में पानी का महत्वपूर्ण स्रोत है।
इसे ध्यान में रखते हुए कैम्पा के 2019-20 की वार्षिक कार्ययोजना में देवरानी-जेठानी नाला के भू-जल आवर्धन संबंधी कार्य को प्राथमिकता से लिया गया। इससे देवरानी-जेठानी नाला में हुए नरवा विकास के कार्य से गुरूर विकासखंड और पाटन विकासखंड में नाला क्षेत्र से लगे ग्रामों में लगभग 5 किलोमीटर के भू-भाग में जल आवर्धन का कार्य हुआ है। इसके फलस्वरूप क्षेत्र के कृषकों को अब सिंचाई सहित निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलेगा।
इस संबंध में कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि नरवा विकास योजना के तहत देवरानी-जेठानी नालों में स्वीकृत सभी 406 भू-जल आवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इनमें 9 लाख 93 हजार रूपए की राशि में 382 लूज बोल्डर चेकडेम का निर्माण शामिल है। इसी तरह 4 लाख 75 हजार रूपए की लागत राशि से 03 परकोलेशन टैंक, 85 लाख रूपए की लागत राशि से 4 चेकडेम, 34 लाख रूपए की लागत से 16 गैबियन संरचना और 40 हजार रूपए की लागत राशि से एक डाईक का निर्माण शामिल है।



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