जांजगीर-चांपा. राष्ट्रव्यापी कोविड-19, टीकाकरण अभियान में 1 मार्च, 2021 से अब 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों तथा विशेष बीमारियों के साथ 45 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले व्यक्ति शामिल होंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन (को-विन) पर अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष तथा कोविड-19, वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के सदस्य डॉ. आर.एस. शर्मा के साथ राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एमडी (एनएचएम) के साथ टीकाकरण पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। कल आयोजित इस कान्फ्रेन्स में राज्य की अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी पिल्ले, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड,राज्य टीकाकरण अधिकारी डाॅ अमर सिंह शामिल हुए।
बैठक में राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को डिजीटल प्लेटफॉर्म को-विन के वर्सन 2.0 की मूल विशेषताओं की जानकारी दी गई। यह जनसंख्या आकार का सॉफ्टवेयर है और हजारों प्रोसेसिंग क्षमता रखता है। आयु उचित समूहों के टीकाकरण का नया चरण देश में कोविड टीकाकरण को कई गुणा बढ़ा देगा। इस चरण में चिन्हित आयु समूहों के नागरिकों और टीकाकरण के वर्तमान चरण से वंचित और छूटे हुए स्वास्थ्य सेवाकर्मियों तथा फ्रंटलाइन कर्मी अपनी पसंद के टीकाकरण केंद्र चुन सकते हैं।
निजी क्षेत्र के अस्पताल कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में शामिल किए जाएंगे ताकि टीकाकरण की गति बढ़ाई जा सके।
यह बताया गया कि सभी टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) के पास निम्नलिखित अलग-अलग स्वास्थ्य सुविधाएं होंगीः-
एसएचसी पीएचसी सीएचसी जैसी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र सब-डिविजन अस्पताल, जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज अस्पताल शामिल होंगे। केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) आयुष्मान , प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएम जेएवाई) तथा इसी तरह की राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के अंतर्गत पेनल में शामिल सभी निजी अस्पताल शामिल किए जाएंगे।
राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में काम करने के लिए उनके पास टीकारण प्रक्रिया के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। टीके की शीशी के भंडारण के लिए मूल कोल्ड चेन उपकरण होने चाहिए। टीका लगाने वाले लोगों तथा स्टाफ की अपनी टीम होनी चाहिए। किसी एईएफआई मामले के प्रबंधन के लिए पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए।
टीका लगाने के इच्छुक व्यक्तियों को अपने साथ निम्नलिखित फोटो, आईडी दस्तावेज लाने होंगे आधार कार्ड,निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी), ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में पंजीकरण के समय निर्दिष्ट फोटो आईडी कार्ड (यदि आधार या ईपीआईसी नहीं है) 45 वर्ष से 59 वर्ष के आयु समूह के नागरिकों के लिए बीमारी का प्रमाण पत्र (पंजीकृत डॉक्टर से हस्ताक्षरित) हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर एफएल डब्लयू के लिए रोजगार प्रमाण-पत्र ,अधिकारिक पहचान पत्र (दोनों में से एक फोटो और जन्म तिथि के साथ)
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पंजीकरण की सरल प्रक्रिया बताई गई। पंजीकरण तीन प्रकार से होगा । पहला एडवांस सेल्फ रजिस्ट्रेशन लाभार्थी अग्रिम रूप से को-विन 2.0 पोर्टल डाउनलॉड करके तथा आरोग्य सेतु आदि जैसे आईटी एप्लीकेशनों के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण कराने पर कोविड टीकाकरण के रूप में काम करने वाले सरकारी तथा निजी अस्पतालों की जानकारी और तिथि तथा समय की उपलब्धता की जानकारी मिलेगी। लाभार्थी अपनी पसंद का सीवीसी चुन सकेगा और टीकाकरण के लिए अप्वाइंटमेंट बुक कर सकेगा।
दूसरा विकल्प ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन का होगा जो साइट पर अपने को रजिस्टर कराने की अनुमति देता है जो स्वयं रजिस्टर नहीं कर पाए थे।तीसरा विकल्प सुविधाजनक कोहोर्ट पंजीकरण का होगा जिसके तहत राज्य एवं केंद्रशासित सरकार अपनी ओर से हितग्राहियों के समूह का चयन कर उन्हे टीका लगवाएगी। इसके लिए आशा, मितानीन,पंचायत राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और स्वसहायता समूहों की मदद ली जा सकती है। सभी का कोविन प्लेटफार्म में पंजीयन होगा। सरकारी अस्पतालों में यह निःशुल्क होगा और निजी अस्पतालों में पूर्व निर्धारित शुल्क देना होगा।