जिले की एक राइस मिल ब्लैक लिस्टेड, मिलिंग क्षमता के अनुरूप अनुमति एवं अनुबंध प्राप्त नहीं करने तथा कस्टम मिलिंग के कार्य बंद करने पर खाद्य विभाग की कार्रवाई

जांजगीर चांपा. मिलिंग क्षमता के अनुरूप अनुमति नहीं लेने, अनुबंध नहीं करने और कस्टम मिलिंग का काम बंद करने और शासकीय आदेश की अवहेलना पर नवापारा कला (सक्ती) की शिव राइस मिल को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में एक वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के निर्देशानुसार 02 सितंबर को खाद्य विभाग के जांच दल द्वारा फर्म मेसर्स शिव राईस मिल (पंजीयन क्रमांक MA541646) नवापाराकला सक्ती की जांच राईस मिल के प्रोपराईटर की उपस्थिति में की गई।
खाद्य निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार जांच के समय मौके पर फर्म के प्रोपराईटर द्वारा धान एवं चावल का स्टॉक रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया। राईस मिल परिसर में धान एवं चावल का स्टॉक उपलब्ध नहीं था। शिव राईस मिल नवापाराकला सक्ती की अरवा राईस मिल क्षमता 4 मिट्रिक टन की है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जांच दिवस तक राईस मिलर द्वारा धान की कस्टम मिलिंग हेतु कुल 64,000 क्विंटल धान की अनुमति ली गई है। जिसके विरुद्ध उनके द्वारा 47,300 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग की गई है। राईस मिलर द्वारा 21 जनवरी 2021 को डीओ के द्वारा अंतिम धान का उठाव कर 17 मई 2021 को चावल जमा किया गया है। राईस मिल क्षमता अनुसार कम से कम 06 माह के धान की कस्टम मिलिंग करने हेतु उन्हें 96,000 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग इस सत्र में करना है।
इस प्रकार राईस मिलर द्वारा जनवरी 2021 के उपरांत अपनी मिलिंग क्षमता के अनुरूप अनुमति एवं अनुबंध प्राप्त नहीं किया गया तथा धान की कस्टम मिलिंग का कार्य बंद कर दिया गया, जबकि उक्त अवधि में भारतीय खाद्य निगम की अरवा फोर्टीफाईड कस्टम मिलिंग हेतु जिले को 3,84,5,80.00 क्विंटल धान का आवंटन / लक्ष्य शासन से प्राप्त हुआ है। जांच समय यह भी स्पष्ट हुआ कि राईस मिलर द्वारा विगत 02 माह से राईस मिल बंद है।
इस प्रकार राईस मिलर द्वारा अपनी राईस मिल को बंद कर क्षमतानुरूप कार्य न कर शासकीय आदेश /निर्देशों का उल्लंघन कर शासकीय धान की कस्टम मिलिंग में व्यवधान उत्पन्न करने तथा शासन से जारी निर्देश / शर्ते एवं निर्बंधन अनुसार कार्य नहीं करने के कारण फर्म मेसर्स शिव राईस मिल पंजीयन क्रमांक MA541646 नवापाराकला सक्ती आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में एक वर्ष के लिए शासकीय धान की कस्टम मिलिंग के कार्य से प्रतिबंधित करते हुए राईस मिल को काली सूची में रखा गया है।



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