अहमदाबाद: Block Mobile Number उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कस्टमर के साथ मनमानी किए जाने पर टेलीकॉम कंपनी को 50 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिय है। दरअसल कंपनी ने कस्टमर का नंबर ब्लॉक कर दिया था, जिसेके बाद कस्टमर से उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया। मामले में सुनवाई करते हुए उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने टेलीकॉम कंपनी की सभी दलीलों को खारिज कर दिया और यूजर को 50000 रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है।
Block Mobile Number मिली जानकारी के मुताबिक ये मामला अक्टूबर 2014 का है। सूरत के रहने वाले निर्मल कुमार मिस्त्री को वोडाफोन से एक मैसेज आया कि वो अपने नंबर का इस्तेमाल टेलीमार्केटिंग के लिए कर रहे है। लिहाजा कंपनी ने उनके नंबर को ब्लॉक करने का फैसला किया है। साथ ही मैसेज में कहा गया कि उन्हें कंपनी के स्टोर से एक नया सिम कार्ड भेज दिया जाएगा।
इसके बाद निर्मल ने वोडाफोन को एक लीगल नोटिस भेज दिया। जवाब में कंपनी ने कहा कि उन्हें इस नंबर से टेलीमार्केटिंग से जुड़े मैसेज की शिकायत मिली थी। लेकिन वोडाफोन ने इन आरोपों को साबित करने के लिए सिर्फ एक नंबर भेजा, जिसके बारे में कहा गया कि इस नंबर पर टेलीमार्केटिंग के मैसेज भेजे गए। मिस्त्री ने बाद में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग सूरत के ऑफिस से संपर्क किया।
मिस्त्री ने आयोग से अपनी शिकायत में कहा कि वो सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और उनका नंबर बिना किसी ठोस वजह के ब्लॉक कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके चलते उन्हें अपने बिजनेस में साढ़े तीन लाख का नुकसान हुआ। लेकिन आयोग ने उनकी इस दलील को नहीं मानी। कंपनी ने आयोग से कहा कि उनके नंबर का इस्तेमाल टेलीमार्केटिंग के लिए किया गया।
मिस्त्री ने इसके बाद गुजरात राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग जाने का फैसला किया। उन्होंने यहां अपने वकील मिलन दुधिया के जरिए बातें रखी। वकील ने कहा कि ट्राई के नियमों के मुताबिक किसी का नंबर ब्लॉक करने के लिए उस आदमी की शिकायत भी जरूरी है जिसे टेलीमार्केटिंग से जुड़े मैसेज भेजे गए। लेकिन यहां वोडाफोन के पास ऐसी कोई शिकयत नहीं थी। लिहाजा आयोग ने मिस्त्री की दलीलों को सही मानते हुए उन्हें 7 परसेंट ब्याज के साथ हर्जाना देने का आदेश दिया।