आधार कार्ड को वोटर आईडी से….लिंक करने को लेकर जल्‍द आ सकता है….कानून, जानें- क्‍या है….सरकार की योजना…जानिए विस्तार से….

आधार (Aadhar Card) को मतदाता सूची (Voter List) से जोड़ने का नियम जल्द ही सरकार द्वारा जारी किए जा सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा है कि आधार विवरण शेयर करना मतदाताओं पर निर्भर करेगा कि वे वोटर आईडी को आधार से जोड़ना चाहते हैं कि नहीं, लेकिन ऐसा नहीं करने वालों को “पर्याप्त कारण” देना होगा।



पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्‍यू में उन्होंने कहा कि सीईसी के रूप में उनके कार्यकाल में दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए हैं, जो 18 वर्ष के मतदाताओं के नामांकन के लिए एक के बजाय एक वर्ष में चार तिथियों का प्रावधान है और फर्जीवाड़ा की जांच के लिए आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है। शनिवार शाम को पद छोड़ने वाले चंद्रा ने यह भी कहा कि पोल पैनल ने चुनाव के दौरान पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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चार कट-ऑफ डेट की सुविधा

उन्‍होंने जानकारी दी कि हर साल की केवल 1 जनवरी की कट-ऑफ तारीख थी, लेकिन अब अब चार तारीखें होंगी। इन लोगों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर पंजीकरण कराने और सुधार कराने का अधिकार दिया गया है। चार कट ऑफ डेट संसद में पारित एक विधेयक का हिस्‍सा है, जिसमें वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के लिए कहा गया है।

इससे पहले जो लोग 1 जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होते थे वहीं मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते थे।

दो जनवरी को 18 साल के होने वाले लोगों को 1 साल का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब इस नियम से साल में चार तारीखों पर 18 साल के होने पर रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं।

आधार से वोटर आईडी को जोड़ना

जानकारी देते हुए उन्‍होंने कहा कि कहा कि दूसरा सबसे बड़ा सुधार डुप्लीकेट वोटर आईडी कॉपियों की जांच के लिए आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है। यह मतदाता सूची को शुद्ध बनाएगा। यह मतदाता सूची को और अधिक मजबूत बनाएगा।

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सरकार द्वारा बनाया जा सकता है कानून

चंद्रा ने कहा कि बहुत जल्द वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जा सकता है, क्योंकि इस संबंध में मसौदा प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि फॉर्म भी भेजे गए हैं, जिन्हें बदलना है और वे (कानून) मंत्रालय के पास हैं। बहुत जल्द ही कानून मंत्रालय की ओर से इसे स्‍पष्‍ट कर दिया जाएगा।

लोगों की होगी मर्जी

आधार विवरण शेयर करना स्वैच्छिक होगा या नहीं, इस पर उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। उन्‍होंने कहा कि यह लोगों के मर्जी पर होगा, लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर नहीं देने के लिए पर्याप्त कारण देना होगा। इसका कारण आधार न होना या किसी एक या किसी अन्य कारण से आवेदन न करना शामिल हो सकता है जिसके बारे में वे सोच सकते हैं।

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