फतेहपुर : फतेहपुर की जिलाधिकारी की बीमार गाय के इलाज के लिए सात पशु चिकित्सा अधिकारियों की रोजाना लगी ड्यूटी का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस मामले को जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र और दूषित मानसिकता का बताते हुए दावा किया है कि उन्हें इस आदेश की कोई प्रतिलिपि भी नहीं भेजी गई थी।
हालांकि, नौ जून को जारी अपने इस आदेश को कार्यवाहक मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) ने दूसरे दिन निरस्त भी कर दिया था। फतेहपुर की जिलाधिकारी (डीएम) अपूर्वा दुबे की एक गाय बीमार होने पर सात डॉक्टरों की टीम देखरेख के लिए भेजी गई थी।
टीम गठन का पत्र वायरल होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद इसमें सीवीओ मनमर्जी बताई है और इसे षड्यंत्र तथा दूषित मानसिकता वाला बताया।
कार्यवाहक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसके तिवारी का नौ जून के आदेश का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें प्रतिदिन पशु चिकित्साधिकारी भिटौरा डॉ. मनीष अवस्थी, ऐरायां के डॉ. भुवनेश कुमार, उकाथू के डॉ. अनिल कुमार, गाजीपुर के डॉ. अजय कुमार दुबे, मलवां के डॉ. शिवस्वरूप, असोथर के डॉ. प्रदीप कुमार, हसवा के डॉ. अतुल कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी।
आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि डीएम की गाय की चिकित्सा के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम की ड्यूटी लगाई गई है। ये डॉक्टर सनगांव के डॉ. दिनेश कुमार को ड्यूटी के बाद फोन पर जानकारी देंगे। किसी की अनुपस्थिति पर उस दिन का काम डॉ. सुरेश कुमार कनौजिया देखेंगे। कार्य में शिथिलता नहीं बरतने की चेतावनी भी दी गई है।
डीएम ने इस मामले में रविवार को सफाई दी और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया था। कार्यवाहक सीवीओ ने मनमाने तरीके से आदेश दिया है और इस आदेश की जांच की गई और दूसरे दिन आदेश निरस्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उन्हें आदेश की प्रति भी नहीं भेजी गई है। इसमें षड्यंत्र और दूषित मानसिकता से काम किया गया है और यह पत्र ट्विटर के माध्यम से उनके संज्ञान में आया है।