नई दिल्ली. आजादी के 75वें वर्ष को मोदी सरकार ‘आजादी का अमृत महोत्सव’) के तौर पर मना रही है। इसके तहत संस्कृति मंत्रालय इसी माह ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरूआत करने जा रहा है। इसका मकसद है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर घर और सार्वजनिक स्थल पर तिरंगा फहराया जाए।
तिरंगा फहराने का ये अभियान 11 अगस्त से शुरू होकर 17 अगस्त तक चलेगा। इससे पहले तिरंगा फहराने से जुड़े कुछ नियम जानना जरूरी है। तिरंगे का अपमान आपको मुसीबत में भी डाल सकता है।
भारतीय झंडा संहिता 2002
26 जनवरी 2002 को लागू भारतीय झंडा संहिता 2002 के तहत हर किसी को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार दिया गया। इससे पहले राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन, उसके प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग का निवारण) अधिनियम, 1950 (1950 का संख्या 12) और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 (1971 का संख्या 69) के उपबंधों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराने, उसके प्रयोग और उसके सम्मान को परिभाषित किया गया था।
भारतीय झंडा संहिता 2002 में इन दोनों अधिनियमों के प्रावधानों को भी शामिल किया गया है। भारतीय झंडा संहिता 2002 को तीन भागों में बांटा गया है। पहले भाग में राष्ट्रीय ध्वज का सामान्य विवरण, जैसे आकार, रंग व अनुपात आदि की जानकारी दी गई है।
दूसरे भाग में आम जनता, निजी संगठनों व शैक्षणिक संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का संबंधी विवरण है। तीसरे भाग में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सरकारी संगठनों और अभिकरणों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की जानकारी शामिल है।
गाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का नियम
सामान्य दिनों में अपनी गाड़ी पर हर किसी को राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति नहीं है।
भारतीय झंडा संहिता 2002 के मुताबिक राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री, केंद्र के कैबिनेट मंत्री व राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, राज्य के कैबिनेट मंत्री, लोकसभा व राज्यसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत कुछ अति विशिष्ठ लोगों को ही अपनी कार पर तिरंगा लगाने की अनुमति प्राप्त है।
राष्ट्रीय ध्वज संबंधी प्रमुख नियम
1. झंडे का आकार आयताकार होगा और लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 रहेगा। तीनों पट्टियों (केसरिया, सफेद व हरा) की चौड़ाई बराबर होगी।
2. सफेद पट्टी के बीच में नेवी ब्लू रंग का अशोक चक्र होगा, जिसमें 24 तीलियां बराबर दूरी पर बनी होंगी।
4. सरकार द्वारा निर्धारित विशेष स्थिति के अलावा किसी भी अन्य स्थिति में झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जा सकता।
5. राष्ट्रीय ध्वज को जलाने, काटने-फाड़ने, गंदा करने, कुरूपित करने, कुचलने, मौखिक या लिखित तौर पर अपमानित करने पर तीन वर्ष तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
6. तिरंगे पर न तो कुछ लिखा होना चाहिए और न ही कोई अन्य तस्वीर व चिन्ह बनाया जा सकता है।
7. पोशाक, वर्दी, तकिया कवर, रूमाल, चादर, नैपकीन आदि में तिरंगे का इस्तेमाल अपराध है।
8. तिरंगे को जब फहराया जाए तो वह कटा-फटा, अस्त-व्यस्त, गंदा या सिला हुआ नहीं होना चाहिये।
9. केवल ध्वजारोहण के लिए तिरंगे में गुलाब की पंखुड़ियां बांधी जा सकती है। इसके अलावा तिरंगे को मोड़कर बांधा नहीं जा सकता।
10. तिरंगे का इस्तेमाल किसी प्रतिमा अथवा स्मारक को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता।
11. झंडे को जानबूझकर जमीन या फर्श पर छुआना या पानी में डुबोना उसके अपमान की श्रेणी में आता है।
12. झंडा फहराते वक्त केसरिया रंग की पट्टी सदैव ऊपर रहेगी। झंडा जहां फहराया जा रहा हो, वहां उसे फैलने के लिए प्रर्याप्त जगह हो।
13. तिरंगे के ध्वज दंड (झंडा फहराने की रॉड) में उसके साथ कोई और झंडा नहीं बांधा जा सकता।
14. मंच पर झंडा फहराते वक्त, जब वक्ता श्रोताओं की तरफ मुंह करे तो तिरंगा उसके दाहिने तरफ हो।
15. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या ऊंचा या बराबर नहीं लगाया जा सकता।
16. विशेष अवसर के लिए बने पेपर के राष्ट्रीय ध्वज को भी फेंका या फाड़ा नहीं जा सकता। उसका निजी तौर पर सम्मानपूर्वक निपटारा करना होता है।