नई दिल्ली: WhatsApp, Facebook और Instagram जैसे ऐप्स की मदद से कॉल कर बात करने वालों के लिए बुरी खबर है। जल्द ही यह मुफ्त वाली सुविधा बंद हो सकती है और इसके लिए पैसे देने पड़ सकते हैं। वर्तमान में यूजर अपना इंटरनेट खर्च कर फ्री वॉयस और वीडियो कॉलिंग की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।
भारत सरकार का दूरसंचार विभाग इंटरनेट आधारित कॉल को रेग्युलेट करने जा रही है। इसके लिए विभाग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से उसका विचार मांगा है। ट्राई की सहमती के बाद लोगों को इंटरनेट आधारित कॉल के लिए भी पैसे देने पड़ सकते हैं। 2008 में ट्राई ने इसी तरह के प्रस्ताव को वापस कर दिया था।दरअसल, टेलीकॉम कंपनियां सरकार से अनुरोध कर रही हैं कि “समान सेवा, समान नियम” के आधार पर सभी के लिए एक जैसी स्थिति होनी चाहिए। वे सरकार से समान लाइसेंस शुल्क वसूलने और सेवा के लिए समान नियामक और सेवा की गुणवत्ता की आवश्यकताओं का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं। पहले ट्राई ने इंटरनेट टेलीफोनी और इंटरनेट मैसेजिंग की पेशकश करने वाले ऐप्स और सेवाओं के नियमन की आवश्यकता के खिलाफ तर्क दिया था। हालांकि, दूरसंचार विभाग ने सुझावों को खारिज कर दिया और अधिक स्पष्टीकरण के लिए कहा था।
दूरसंचार विभाग ने नई तकनीक के बाजार में आने को देखते हुए पिछले सप्ताह ट्राई से अतिरिक्त सुझावों का अनुरोध किया था। रिपोर्ट के अनुसार ट्राई ने सुझाव दिया कि इंटरनेट सेवा प्रदाता इंटरकनेक्शन शुल्क के भुगतान के बदले फोन नेटवर्क पर कॉल करने के लिए इंटरनेट टेलीफोनी की पेशकश कर सकते हैं। बता दें कि व्हाट्सएप, गूगल मीट और सिग्नल जैसे इंटरनेट टेलीफोनी और मैसेजिंग सेवा प्रदाताओं को रेगुलेट करने के सरकार के प्रस्तावों की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।