न्यूज़ एंकर इशिका शर्मा की हत्या का मामला, इशिका के पिता पत्रकार गोपाल शर्मा ने कहा, ‘लूटपाट के इरादे से की थी हत्या, अपने द्वारा की गई हत्या को जस्टिफाई करने के लिए आरोपी बता रहा प्रेम प्रसंग का मामला, हत्यारे के प्रेम प्रसंग वाले बयान को पुलिस द्वारा हाइलाइट किया जाना समझ से परे’

जांजगीर चांपा. जांजगीर में रविवार को हुए एंकर इशिका शर्मा हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। घर में काम करने वाला लड़का ही मुख्य आरोपी निकला है, जिसने अपने साथी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी से मोबाइल, स्कूटी और जेवर जब्त किया है।



पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने प्रेसवार्ता कर हत्याकांड का खुलासा किया है। हत्याकांड के आरोपियों तक पहुंचने के लिए चार टीमों का गठन किया था। पोस्टमार्टम से पहले ही अपराध होना प्रतीत हो रहा था। पुलिस को घर में रहने वाले लड़के रोहन पांडू पर पहले से ही शक था। घटना के दिन सुबह से वह सक्ती, खरसिया और रायगढ़ गया जहां उसने अपना हुलिया बदला, कपड़ा चेंज करने के बाद हसौद, बिर्रा होते हुए तिल्दा से कवर्धा पहुंचा था। गांव के साथियों के साथ मिलकर मुंगेली आ रहा था, जहां से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्य आरोपी रोहन पांडू ने राजेन्द्र सूर्या के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था। आरोपी के पास से मोबाइल, स्कूटी और जेवर जब्त किया गया हैं। आरोपी का उसके घर आना-जाना था। एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि घटना को पहले से प्लान किया गया था। साजिशन नींद की दवा खरीदी थी, जिसे पीस कर पाउडर बनाकर खाना में मिलाने के बाद युवती और उसके भाई को खिलाया गया।

जिसके बाद रात 10 बजे राजेंद्र सूर्या आया था। आरोपी रोहन पांडू ने 200 रुपए देकर राजेंद्र को बुलाया था। दोनों ने मिलकर शराब पी और फिर घर पहुंचकर खाना खाया। क्या ऐसा नहीं हो सकता आरोपी ईशिका द्वारा पहने गए जेवर लूट रहे थे, उसी वक्त इशिका की नींद खुल गई और लूट का पुरजोर विरोध करने लगी। दोनों ने इशिका शर्मा के साथ मारपीट की और दोनों ने मिलकर उसकी जघन्य हत्या कर दी। एक आरोपी ने पैर पकड़ा और दूसरे ने गला और मुँह दबा कर हत्या कर दी।

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अकेलेपन का फायदा उठाकर वारदात को दिया अंजाम

ईशिका शर्मा, जो एलएलबी फाइनल ईयर की छात्रा है एवं पत्रकारिता करने के साथ ही न्यूज़ चैनल में एंकरिंग भी करती थी। घटना दिनांक को ईशिका शर्मा के माता पिता कोरबा गए हुए थे। इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया।

पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों से लुट का सामान व स्कूटी बरामद कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध 302, 397 के तहत मामला दर्ज किया है।

 

हत्यारे का लोगों की सहानुभूति हासिल करने का कुत्सित प्रयास, जाने-अनजाने पुलिस भी दे रही साथ

कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी डर, जिसमें फिल्म का विलेन बहुत ही खौफनाक तरीके से हीरोइन को परेशान करता है. इसी फिल्म के एक सीन में, यही विलन हीरो के कंधे पर सर रखकर इमोशनल तरीके से बोलता है कि मैंने प्रेम किया है, मैं हीरोइन से बहुत प्यार करता हूं. दिल के हाथों बेबस हुं और इसी एक सीन की वजह से विलन दर्शकों की सारी सहानुभूति और समर्थन ले जाता है और दर्शकों की नजरों में हीरो से भी बड़ा हो जाता है।
ईशिका शर्मा की हत्या में भी कुछ ऐसा ही मामला नजर आ रहा है, जिसमें हत्यारे द्वारा अपने द्वारा किए गए जघन्य हत्याकांड को जस्टिफाई करने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु पुलिस द्वारा भी इसे इतना ज्यादा हाईलाइट किया जाना। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एसपी द्वारा भी बार-बार प्रेम प्रसंग का मामला बताया जाना, किस तरफ इशारा कर रहा है, यह समझ से परे की बात है।

पत्रकार गोपाल शर्मा का कहना है कि ईशिका शर्मा की हत्या का मामला साफ तौर पर लूटपाट और हत्या का मामला है. सिर्फ हत्यारे के द्वारा भावनात्मक समर्थन हासिल करने के लिए इसे प्रेम प्रसंग का रूप दिया जा रहा है।

एक मृत आत्मा, जो अपनी सफाई में कुछ कहने के लिए अब इस दुनिया मे जिंदा नहीं हैव
एक वहशी दरिंदे लुटेरे हत्यारे के बयान को आधार बनाकर उसके ऊपर ऐसे आरोप लगाया जाना पुलिस द्वारा ऐसे बयान जारी करना सरासर अन्याय है। उसके चरित्र पर लांछन लगाए जाने जैसा है। मरने के बाद भी उसकी मिट्टी पलीत करना है यह नारी जाति का अपमान नहीं तो और क्या है। जिसकी हत्या हुई है, हत्यारे उसी को गलत बता कर सहानुभूति हासिल करने का प्रयास कर रहे है। पुलिस भी जाने अनजाने हत्यारे की इस साजिश की किसी शिकार है या शामिल है।

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ईशिका शर्मा के माता पिता के बताए अनुसार, वह पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी. साथ ही वह पढ़ाई में भी बहुत तेज थी संयोग से आज ही के दिन एलएलबी थर्ड सेमेस्टर जिसकी परीक्षा ईशिका शर्मा ने कुछ दिन पहले दी थी. उसका आज रिजल्ट आया है, जिसमें ईशिका शर्मा ने टॉप टेन में जगह बनाई है. एक तरफ ईशिका शर्मा के अस्थि फूल चुने जा रहे हैं और दूसरी तरफ उसका रिजल्ट सुनकर माता-पिता के आंखों से आंसू की धारा रुक नहीं रही है. ईशिका के पिता ने बताया कि ईशिका एक बहुत बड़ा वकील बनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती थी, परंतु एक हत्यारे ने पूरे हंसते खेलते परिवार को गमों के सागर में डूबा दिया।

क्या नारी जाति का बाहर निकल कर कार्य करना लोगों से मिलना जुलना अपराध है। मृतिका ईशिका शर्मा अपने प्रोफेशन जो कि पत्रकारिता और न्यूज़ एंकरिंग करती थी. इस संदर्भ में उसे बहुत से लोगों से बात भी करनी पड़ती थी, फोन से भी और मिलकर भी, फील्ड में जाकर भी तो क्या यह उसका अपराध है। क्या महिला को किसी भी प्रकार का कार्य नहीं करना चाहिए। समाज में अपना एक मुकाम हासिल नहीं करना चाहिए।

यह सब सवाल पुलिसिया जांच पर संदेह उत्पन्न करता है। आखिर किसे फायदा पहुंचाने के लिए पुलिस द्वारा संपूर्ण जांच का केंद्र बिंदु प्रेम प्रसंग को बनाया जा रहा है।

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युवती द्वारा किसी अन्य से बात करने और हत्यारे को उसका किसी से बात किया जाना पसंद नहीं आने की वजह से हत्यारे द्वारा हत्या किए जाने के बयान को इतना ज्यादा तरजीह दी जा रही है और उसे हाईलाइट किया जा रहा है। हत्यारे द्वारा खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताया जाना, मृत्तिका को महंगे मोबाइल और महंगे गिफ्ट देना बताया गया और पुलिस का इसे मान लेना बगैर किसी जांच के यह भी एक सोचने वाली बात है। पुलिस ने अगर जरा भी जहमत उठाई होती और जांच की होती तो उन्हें पता चल जाता कि हत्यारा कलेक्ट्रेट चौक के पास होटल चहल-पहल में वेटर का काम करता था, जिसे गोपाल शर्मा ने अपने नौकर के रूप में रखा था. क्या पुलिस ने इसकी जांच की कि उसने महंगे मोबाइल और महंगे गिफ्ट मृतिका को दिए हैं. सिर्फ हत्यारे के कहने भर से पुलिस द्वारा यह बयान जारी करना मृतिका के साथ सरासर नाइंसाफी है. संपूर्ण हत्याकांड की विस्तृत जांच किसी सक्षम एजेंसी द्वारा किया जाना अति आवश्यक है ।

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