Indian Railways: भारतीय रेलवे की शुरुआत आज से 170 साल पहले 1853 में हुई थी. भारत की पहली रेलगाड़ी ने मुंबई के बोरीबंदर से महाराष्ट्र में ठाणे तक 34 किलोमीटर का सफर तय किया था. भारत की पहली ट्रेन को ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे ने चलाया था. द ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का 1900 में इंडियन मिडलैंड रेलवे कंपनी में विलय हो गया. इसने उत्तर में दिल्ली, उत्तर-पूर्व में कानपुर और इलाहाबाद और पूर्व में नागपुर से लेकर दक्षिण-पूर्व में रायचूर तक अपनी सीमाओं का विस्तार किया.
400 यात्रियों ने की ऐतिहासिक यात्रा
देश की पहली ट्रेन में 14 लकड़ी के डिब्बे थे. इसके उद्घाटन के वक्त ट्रेन से 400 यात्रियों ने सवारी की थी. तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग के प्रशासन में 1844 में भारत में रेल प्रणाली स्थापित करने की अनुमति दी गई थी. 1845 में दो कंपनियों का गठन हुआ. जिनके नाम “ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी” और “ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे” था.
21 तोपों की सलामी
इस ट्रेन को “साहिब,” “सिंध,” और “सुल्तान,” नाम के इंजन ने पटरी पर उतारा था. उस दिन दोपहर 3.35 पर देश की पहली यात्री सेवा शुरू हुई थी. तीनों इंजन की सीटी बजी, गाढ़ा धुआं और भाप इंजनी की चिमनी से निकलना शुरू हुआ. इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई थी. ब्रिटिश भारत में पहले रेल इतिहास को देखने वालों की तालियों की आवाज दूर-दूर तक गूंजी थी.
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रेलवे का विस्तार
रेलवे ने तेजी से भारत के अन्य क्षेत्रों में ट्रैक का विस्तार किया. पहली पैसेंजर ट्रेन 15 अगस्त, 1854 को हावड़ा और हुगली के बीच अपने 39 किलोमीटर के रूट पर चली थी. 19 अक्टूबर, 1875 को, इसने दक्षिण (मद्रास प्रेसीडेंसी) में वेयासरपांडी और वालाजाह रोड के बीच अपना 39 किमी की यात्रा की थी. 1880 तक 27 से अधिक वर्षों में भारत के पास उपमहाद्वीप की लंबाई और चौड़ाई में फैले 9,000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क थे.
तब और अब में जमीन-आसमान का अंतर
मौजूदा व्यवस्था भारतीय रेलवे के अधीन 7 हजार से साढ़े 8 हजार रेलवे स्टेशन हैं. अब भारतीय रेलवे 29 प्रकार की ट्रेनें संचालित करता है. भारतीय रेलवे भारत में परिवहन के सबसे लोकप्रिय और व्यस्ततम साधनों में से एक है और कई शहरों, कस्बों, राज्यों, जिलों और क्षेत्रों को जोड़ता है. वर्तमान में भारत में कुल 12,167 पैसेंजर ट्रेन है. इसके अलावा 7,349 मालगाड़ी ट्रेन हैं. देश में रोजाना 23 मिलियन यात्री ट्रेन से यात्रा करते हैं. जब भारतीय रेल की शुरुआत हुई थी तो ट्रेनों में लकड़ी के डिब्बे होते थे और आज का दिन है भारत के पास उन्नत तकनीक की 10 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें हैं. इसकी अधिकतम स्पीड 180 किमी. प्रति घंटा है.
2023 में रेलवे के लिए अब तक का सर्वाधिक आवंटन
2024 के आम चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आखिरी पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को रेल मंत्रालय के लिए परिव्यय में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की. रेलवे के लिए यह अब तक का सबसे अधिक बजट है. वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पिछले वित्त वर्ष के 1.40 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2.40 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. जिसमें 1.03 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. सीतारमण ने कहा कि रेलवे का परिव्यय 2013-2014 में प्रदान की गई राशि का नौ गुना है.