रूस से Igla-S एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें खरीदेगा भारत, दुश्मन के फाइटर जेट्स की तबाही होगी पक्की! पढ़िए…

रुस ने भारत को अपनी इग्ला-एस (Igla-S) एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के मुताबिक रूस, भारत में इग्ला-एस एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम के घरेलू उत्पादन की भी अनुमति देगा.



 

 

 

इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि भारतीय सेना की कॉम्बेट कैपेसिटी बढ़ाने के लिए रूस से इग्ला-एस एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का एक बैच खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत मेक-इन-इंडिया पहल के तहत देश में रूसी मिसाइल प्रणालियों के उत्पादन पर भी विचार कर रहा है.

 

 

 

सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही अपने हथियारों के भंडार में इग्ला मानव-पोर्टेबल मिसाइलें हैं. इग्ला एक मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली (MANPADS) है, जिसका उपयोग दुश्मन के विमानों और हेलीकॉप्टरों को मार गिराने के लिए किया जा सकता है. इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब पांच से छह किलोमीटर है. इस मिसाइल की खासियत है कि इसे हाथ से दागकर दुश्मन के विमान को तबाह किया जा सकता है.

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भारत में भी इन मिसाइलों के उत्पादन पर हो रहा विचार

एक्सपर्ट्स ने बताया कि भारत ने भारतीय सेना के लिए इग्ला-एस (हाथ से पकड़ी जाने वाली) एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों की नई खेप की खरीद के लिए करीब 5 महीने पहले रूस के साथ एक सौदा किया था. नए हथियार 1990 के दशक की शुरुआत में सेना में शामिल की गई इग्ला मिसाइलों की जगह लेंगे. हालांकि अभी इसका पता नहीं चल सका है कि कितनी मात्रा में इग्ला-एस एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें खरीदी जाएंगी. इसके साथ ही भारत मेक-इन-इंडिया पहल के तहत देश में मिसाइल प्रणालियों के उत्पादन पर भी विचार कर रहा है.

 

 

 

भारत को बड़ी मात्रा में हथियार सप्लाई करता है रूस

रूस, भारत को हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है. यूक्रेन संघर्ष के बावजूद रूस से भारत को सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति सहित सैन्य सहयोग जारी है. रूस की हथियार निर्यात एजेंसी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलेक्जेंडर मिखीव ने दुबई में रूसी समाचार एजेंसी ने बताया कि भारत के लिए Igla-S वायु रक्षा प्रणाली के लाइसेंस के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित दस्तावेज़ पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. अब एक निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनी के साथ हम भारत में इग्ला-एस MANPADS का उत्पादन करेंगे.

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2018 में हुआ था एक अहम समझौता

बता दें कि अक्टूबर 2018 में भारत ने S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट्स को खरीदने के लिए रूस के साथ 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिका की इस चेतावनी के बावजूद कि कॉन्ट्रैक्ट करने पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं.

 

 

 

 

भारत ने इन बॉर्डर पर तैनात की एयर डिफेंस मिसाइल

रूस ने दिसंबर 2021 में मिसाइल सिस्टम की पहली रेजिमेंट की डिलीवरी शुरू की और इसे भारत ने उत्तरी क्षेत्र में चीन के साथ बॉर्डर के कुछ हिस्सों के साथ पाकिस्तान बॉर्डर को कवर करने के लिए तैनात किया गया है. S-400 को रूस के सबसे हाइटेक मिसाइल के रूप में जाना जाता है. यह जमीन से हवा में मार करने वाली एयर डिफेंस मिसाइल है.

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