शासकीय राशन दुकान के संचालक की मनमानी, वक्त पर राशन नहीं मिल पाने से ग्रामीण हलाकान, गांव में एक और सोसायटी खोलने की कर रहे मांग, ग्रामीण और खाद्य अधिकारी ने क्या कुछ कहा ? पढ़िए…

जांजगीर-चाम्पा जिले के कोसमन्दा गांव की शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालक की मनमानी सामने आई है. ग्रामीणों का कहना है कि समय पर दुकान खोली नहीं जाती और प्रत्येक माह 10 से 12 तारीख के बाद दुकान खोली जाती है, जो दुकान संचालक की मनमानी को दर्शाता है. इससे ग्रामीण वक्त पर राशन नहीं ले पाते और इस मनमानी से ग्रामीण त्रस्त हैं. वक्त पर राशन नहीं मिल पाने से गरीब तबके के लोगों का जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि ग्रामीण अपना काम छोड़कर राशन लेने पहुंचते हैं और उन्हें सोसायटी के संचालक के द्वारा सर्वर सहित अन्य समस्या का हवाला दिया जाता है. इस सोसायटी को जय मां शारदा स्वसहायता समूह के द्वारा संचालित किया जाता है. साथ ही, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पहचान के व्यक्ति को जल्द राशन दिया जाता है. कोसमन्दा गांव में लगभग 2 हजार 500 राशन कार्ड है और गांव में एक सोसाइटी होने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.



 

 

 

– ग्रामीणों ने बताया कि सोसायटी को समय पर नहीं खोला जाता है और पहचान के व्यक्ति को बिना राशन कार्ड जमा किए राशन दिया जाता है, जबकि अन्य व्यक्तियों से 3 से 4 दिन पहले राशन कार्ड को जमा कराया जाता है. इस तरह ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करने के बाद राशन मिल पाता है. ग्रामीणों ने आगे कहा है कि गांव में एक सोसायटी है और लगभग 2 हजार 500 राशन कार्ड है. इससे वक्त पर राशन नहीं मिलने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों ने गांव में एक और सोसायटी खोलने की मांग की है, क्योंकि काम छोड़कर वे राशन लेने पहुंचते हैं और कई दिनों बाद उन्हें राशन मिल पाता है. कभी-कभी तो ग्रामीण, भीड़ की वजह से राशन लेने वंचित हो जाते हैं. ग्रामीणों की समस्या से जिला खाद्य अधिकारी कौशल साहू को अवगत कराया गया तो उन्होंने मामले में संज्ञान लेने और व्यवस्था सुधारने की बात कही है.

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