गाजा पट्टी के राफा में इजरायली हमले को लेकर अमेरिका ने खुली चेतावनी दी है कि वह हथियारों की सप्लाई बंद कर देगा। वहीं 2000 पाउंड मार्क 80 बम अमेरिका के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
एक इंटरव्यू में कहा था कि उस बम की वजह से गाजा में आम नागरिकों की जा रही है। दरअसल वह 2000 पाउंड के एरियल वेपन की बात कर रहे थे। जिसे मार्क 80 सीरीज के तौर पर पेंटागन तैयार करता है।
दरअसल मार्क 80 जनरल परपज बन होते हैं जिनका इस्तेमाल युद्ध के दौरान कहीं भी किया जा सकता है। इस सीरीज में मार्क-84, मार्क-81, मार्क-82 और मार्क083 बम शामिल हैं। अमेरिका ने इजरायल को 3500 बमों की सप्लाई में देर कर दी है। अमेरिका को डर है कि राफा में इजरायल मार्क सीरीज के बमों का इस्तेमाल कर सकता है। यहां लगभग 10 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थी रहते हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि गाजा में फिलिस्तीनियों की सबसे ज्यादा जान लेने वाले बम का नाम 2000 पाउंड मार्क-80 है। अमेरिकी सेना के मुताबिक युद्ध के दौरान जमीनी सेना का साथ देने के लिए इससे कम शक्तिशाली बमों का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि एक समय होता था जब केवल अमेरिका ही मार्क-80 बम बनाता था। हालांकि अब कई देश इस तरह के बम बना रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, भारत, इटली, पाकिस्तान, स्विटजरलैंड, तुर्की और यूएई के पास भी ऐसे खतरनाक बम हैं।
इजरायल खुद भी इस तरह के बम बनाता है लेकिन आंकड़े कहते हैं कि ज्यादातर बम वह अमेरिका से खरीदता है। ये बम 1950 में वियतनाम युद्ध के दौरान सबसे पहले चर्चा में आए थे। 1964 से 1973 के बीच ज्यादातर बम वियतनाम, कंबोडिया और लाओस में गिराए गए। वैसे तो यह बम टारगेट के 400 फीट के अंदर ही गिरता था लेकिन कई बार ऐसा हुआ कि हवा की वजह से या फिर पायलट की गलती की वजह से बम ऐसी जगह गिरा कि अमेरिकी सैनिक ही बड़ी संख्या में मर गए।
एक बार खराब मौसम में उड़ रहे पांच जेट्स ने गलती से मार्क 82 500 पाउंड बम को अणेरिकी एयरबेस पर ही गिरा दिया था। 1960 में टेक्सस इंस्ट्रूमेंट्स ने टारगेट को सेट करने के लिए इसमें अलग से उपकरण लगा दिया। अब ये बम टारगेट के 10 फीट के अंदर ही गिरने लगे। अमेरिका जल्दी इन बमों का इस्तेमाल नहीं करता है लेकिन इजरायल धड़ल्ले से मार्क 80 बमों को गाजा में गिरा रहा है।
पहले दो सप्ताह में इजरायल द्वारा गिराए गए बमों में 90 फीसदी 1000 पाउंड और 2000 पाउंड के थे। इसके अलावा 250 पाऊंड के छोटे बम गिराए गए। 2000 पाउंड के बम वहां गिराए गए जहां हमास की सुरंग होने की आशंका थी। बता दें कि ये बम बेहद खतरनाक होते हैं और जहां गिराए जाते हैं उसके दो किलोमीटर के इलाके में असर दिखाई देता है। वहीं 500 मीटर के दायरे में आने वाली चीजें पूरी तरह तबाह हो जाती हैं।