Paris Olympics 2024: कभी पानी से लगता था डर, अब ओलिंपिक में 14 साल की ‘जलपरी’ से बड़ी उम्मीदें

पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज 26 जुलाई से होने वाला है जो 11 अगस्त तक चलेगा. इसबार के ओलंपिक में भारत की ओर से 117 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं जिसमें सबसे युवा एथलीट धिनिधि देसिंघु हैं. धिनिधि देसिंघु महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल में उतरेंगी. उनकी उम्र इस समय महज14 साल है .देसिंघु पेरिस ओंलिपक में भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य हैं. बता दें कि देसिंघु 9वीं कक्षा की छात्रा हैं, देसिंघु को ओलंपिक में यूनिवर्सिलिटी कोटा के जरिए क्वालीफाई करने का मौका मिला है. बता दें कि ओलंपिक के इतिहास में धिनिधि देसिंघु भारत की दूसरी सबसे युवा एथलीट हैं. उनसे पहले साल 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में महिला स्विमर आरती साहा ने भाग लिया था तो उस समय उनकी उम्र महज 11 साल थी.



बेंगलुरु की रहने वाली हैं धिनिधि देसिंघु
धिनिधि देसिंघु का जन्म 17 मई 2010 बेंगलुरु में हुआ था. बता दें कि जब देसिंघु केवल 8 साल की थी तभी से उन्होंने स्विमिंग करना शुरू कर दिया था. बता दें कि धिनिधि देसिंघु अमेरिका की सात बार की ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट केटी लेडेकी को अपना आदर्श मानती हैं.

बचपन में पानी से लगता था डर, तैराकी नहीं थी पसंद

जब धिनिधि देसिंघु की थी तो उन्हें पानी में जाने से डर लगता था. उन्होंने मीडिया के साथ दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि, जब वो 6 साल की थी तो उन्हें पानी में जाना पसंद नहीं थी. यही नहीं पानी से उनका डर का सिलसिला एक दो साल तक चलता रहा था.

तैराकी सीखने में पेरेंट्स ने की मदद
धिनिधि देसिंघु को तैराकी सीखाने में सबसे बड़ा योगदान उनके माता-पिता का रहा है. माता-पिता ने मिलकर देसिंघु को सहज महसूस कराने में मदद की. एक बार पूल में उतरने के बाद धिनिधि देसिंघु को तैराकी करना पसंद आने लगा. यहां से देसिंघु के जीवन में नया मोड़ आया.

धिनिधि देसिंघु की मां रही हैं पूर्व में खो-खो खिलाड़ी
बेंगलुरु में रहने वाली धिनिदी की मां जेसिथा विजयन कोझिकोड के पुथियांगडी की रहने वाली हैं, जबकि उनके पिता देसिंघु तमिलनाडु के मूल निवासी हैं. जेसिथा पूर्व राष्ट्रीय स्तर की खो-खो खिलाड़ी रह चुकी हैं.

धिनिधि देसिंघु की माता ने सबसे पहले पहचाना टैलेंट
देसिंघु जब पूल में तैराकी करती थी तो उनकी मां को लगता था कि आगे चलकर देसिंघु एक अच्छा तैराकी बन सकती है. तैराकी में शुरुआती टैलेंट को देखकर उनकी मां ने उन्हें तैराकी में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया. देसिंघु की मां कहती हैं, मुझे पता था कि उसमें प्रतिभा है.. वह पूल में बहुत अच्छा प्रदर्शन करती थीं. लेकिन फिर जब टूर्नामेंट आया करता था तो उसे दबाव महसूस होने गलता था. वह या तो वह बुखार से बीमार पड़ जाती या फिर जब वह इवेंट के लिए पूल में जाती तो उसे उल्टी होने लग जाती थी. लेकिन इन सबके बाद भी देसिंघु की मां ने उनको आगे बढ़ते रहने के लिए हौसला देती रही.

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता निहार अमीन और मधु कुमार हैं धिनिधि के कोच
युवा धिनिधि बेंगलुरु में डॉल्फिन एक्वेटिक्स में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता निहार अमीन और मधु कुमार की देखरेख में ट्रेनिंग किया करती हैं. जब वो यहां ट्रेनिंग करने आई थी तो उन्हें तैराकी को लेकर बुनियादी बातें भी नहीं पता थी लेकिन इन दो दिग्गजों की देखरेख में धिनिधि ने तैराकी की बुनियादी बातें सीखी और तैराकी की तकनीक को जाना. यहां से धिनिधि का तैराकी करियर में नया चैप्टर शुरू हआ.

धिनिधि देसिंघु का अबतक ऐसा रहा है परफॉर्मेंस
विश्व चैम्पियनशिप 2024, दोहा:-: 200 मीटर फ्रीस्टाइल: भाग लिया
100 मीटर फ्रीस्टाइल:-भाग लिया
54वीं सिंगापुर राष्ट्रीय आयु समूह तैराकी चैम्पियनशिप 2024 – 200 मीटर फ्रीस्टाइल:-2:07.98: गोल्ड मेडल
100 मीटरफ्रीस्टाइल:- 0:58.09:-गोल्ड मेडल
400 मीटर फ्रीस्टाइल:-4:32.20:-गोल्ड मेडल
200 मीटरॉ व्यक्तिगत मेडले:- 2:26.43:-ब्रॉन्ज मेडल
59वीं MILO/MAS मलेशिया आमंत्रण आयु समूह तैराकी चैम्पियनशिप 2024
200 मीटर फ्रीस्टाइल:- 2:04.62:-गोल्ड मेडल
200 मीटर व्यक्तिगत मेडले:-2:24.88:-गोल्ड
100 मीटर फ्रीस्टाइल:-0:57.08:-सिल्वर मेडल
50 मीटर फ्रीस्टाइल:0:26.95:-सिल्वर मेडल
19वीं सिंगापुर राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियनशिप 2024 – 200 मीटर
फ्रीस्टाइल:-2:05.92:-ब्रॉन्ज मेडल

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