आरबीआई ने ब्याज दरें भले ही नहीं घटाई हो लेकिन पब्लिक को कुछ मोर्चों पर राहत जरूर दी है. इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ने यूपीआई पेमेंट लिमिट को बढ़ा दिया है. अब यूपीआई 123 पे के लिए प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट ₹5,000 से बढ़कर ₹10,000 हो गई है.
इसके अतिरिक्त, UPI लाइट वॉलेट की सीमा ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी गई है, और UPI लाइट के लिए प्रति-लेनदेन सीमा भी बढ़ा दी गई है, जो ₹100 से बढ़कर ₹500 हो गई है.
इससे पहले आरबीआई ने 8 अगस्त 2024 की मॉनेटरी पॉलिसी में यूपीआई के माध्यम से टैक्स पेमेंट की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था.
तेजी से बढ़ रहा डिजिटल पेमेंट का चलन
रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई पर ट्रांजेक्शन की संख्या 2028-29 तक बढ़कर 439 बिलियन होने का अनुमान है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 131 बिलियन थी. खास बात है कि यह आंकड़ा कुल रिटेल डिजिटल भुगतान का 91 प्रतिशत है.
रिपोर्ट में पिछले 8 सालों में भारत के डिजिटल पेमेंट सिनेरियो के बारे में बताते हुए इसमें 3 गुना से ज्यादा विस्तार होने की उम्मीद जताई है. ऐसे में 2023-24 में 159 बिलियन से बढ़कर 2028-29 तक डिजिटल पेमेंट की संख्या 481 बिलियन हो जाएगी.