क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी बीमारी है जो अचानक दिमाग पर हमला कर सकती है और इंसान को कोमा तक पहुंचा सकती है? यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है- सावधानी और सही समय पर इलाज!
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इन्सेफलाइटिस इंटरनेशनल ने एक नई रिपोर्ट जारी कर बताया कि इन्सेफलाइटिस (Encephalitis) पूरी दुनिया के लिए बढ़ता हुआ स्वास्थ्य संकट बन रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क में सूजन आ जाती है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
क्या है इन्सेफलाइटिस
इन्सेफलाइटिस एक गंभीर दिमागी संक्रमण है, जो दो कारणों से हो सकता है:
1) संक्रामक संक्रमण (Infectious Encephalitis): जब कोई वायरस, बैक्टीरिया या पैरासाइट हमारे मस्तिष्क पर हमला करता है। जापानी इन्सेफलाइटिस (JE) और स्क्रब टाइफस
भारत में सबसे आम कारण हैं।
2) ऑटोइम्यून इन्सेफलाइटिस (Autoimmune
Encephalitis): जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से मस्तिष्क पर हमला कर देती है।
इन्सेफलाइटिस क्यों है खतरनाक?
यह बीमारी तेजी से फैलती है और अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह कोमा या मौत का कारण बन सकती है।
बचने वाले मरीजों को याददाश्त की समस्या, बोलने में दिक्कत और मानसिक विकार हो सकते हैं।
यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।
भारत में तेजी से बढ़ रहे मामले
2024 के आंकड़ों के अनुसार, देशभर के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1,548 जापानी इन्सेफलाइटिस (JE) के मामले सामने आए। खासतौर पर गर्मी और बरसात के मौसम में इसके मामले बढ़ जाते हैं।
WHO ने दी चेतावनी
इन्सेफलाइटिस इंटरनेशनल की प्रमुख डॉ. एवा ईस्टन ने कहा कि “अगर इस बीमारी पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले सालों में इसके कारण होने वाली मौतों और विकलांगता में बढ़ोतरी होगी।”
WHO और विशेषज्ञों ने सरकारों, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं से इस बीमारी पर गंभीर कदम उठाने की अपील की है।
कैसे बच सकते हैं इन्सेफलाइटिस से?
वैक्सीनेशन करवाएं: जापानी इन्सेफलाइटिस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है।
मच्छरों से बचाव करें: खासतौर पर बरसात के मौसम में मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
खाने-पीने में सफाई रखें: संक्रमित खाना और पानी इन्सेफलाइटिस का कारण बन सकता है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें: अगर बुखार, सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी या भ्रम (confusion) जैसी दिक्कतें हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।