फाइनेंस और बीमा कम्पनी को लापरवाही महंगी पड़ गई, जिला उपभोक्ता आयोग ने दिया ये फैसला… पढ़िए…

जांजगीर-चाम्पा. फाइनेंस और बीमा कम्पनी को लापरवाही महंगी पड़ गई। जिला उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी का दोषी ठहराया है। अब पीड़ित पक्ष के लोन का क़िस्त पटाने के साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय भी देना होगा।
जांजगीर थाना क्षेत्र के ग्राम सेमरा निवासी तुलसा बाई कश्यप के पति सम्मेलाल कश्यप ने 30 नवम्बर 2019 को लोन में ट्रैक्टर खरीदा था। उसने एक्सिस बैंक चाम्पा से 5 लाख 19 हजार 226 रुपए की लोन सुविधा लेकर ट्रेक्टर की खरीदी की थी। कुल 60 माह में उसे 6 मासी किस्तों में लोन की राशि अदा करनी थी। इस लोन का एक्सिस बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 29 नवम्बर 2024 तक के लिए बीमा भी कराया था। इसी अवधि में 11 दिसम्बर 2019 को सम्मेलाल कश्यप की मौत हो गई। पति की मौत के बाद तुलसा बाई ने इसकी सूचना बैंक और बीमा कम्पनी को देते हुए क़िस्त अदायगी और एनओसी की मांग की। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर तुलसा बाई ने उपभोक्ता आयोग की शरण लेते हुए परिवाद दायर किया।
जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह, मंजूलता राठौर ने प्रकरण की सुनवाई की। दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग ने एक्सिस बैंक और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए आदेश जारी किया। जारी आदेश के मुताबिक अब मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा लोन की शेष किस्तों की अदायगी दो माह के अंदर एक्सिस बैंक को की जाएगी।
इसके बाद एक्सिस बैंक द्वारा परिवादी तुलसा बाई को एनओसी जारी किया जाएगा। साथ ही एक्सिस बैंक और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 45 दिन के अंदर परिवादी को 10 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और 2 हजार रुपए वाद व्यय भी देना होगा।



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