संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को हरी झंडी, 15 साल सेवा अवधि पूर कर चुके कर्मचारी होंगे परमानेंट… विस्तार से पढ़िए…

जयपुर. लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा और अनियमित कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज है. जी हां अनियमित कर्मचारियों को जल्द ही नियमित किया जाएगा, सरकार ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि पहले चरण में सरकार ने 10 हजार कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा एक लाख से अधिक कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया गया था।



मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान सरकार ने नियमितीकरण के लिए पहले चरण में उन कर्मचारियों का चयन किया है, जो 15 साल की सेवा अवधि पूरा कर चुके हैं, वहीं जिनके पास 12 , 13 ,14 साल के अनुभव है, उन्हें 1 साल का इंतजार करना होगा। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में 15 साल सेवा अवधि पूरा कर चुके लगभग 10000 कर्मचारी कार्यरत हैं.

दरअसल, प्रदेश में संविदा कर्मचारियों की संख्या लाखों में है. ऐसे में संविदा कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या चिकित्सा शिक्षा और शिक्षा विभाग में रिकॉर्ड की गई है। चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मचारियों की संख्या 44833 है, जबकि शिक्षा विभाग में संविदा कर्मचारियों की संख्या 41423 हैं. ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग सहित अल्पसंख्यक विभाग में भी संविदा कर्मचारियों की संख्या अधिक है. हालांकि, राजस्थान सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि पहले प्रक्रिया के तहत 15 साल का अनुभव रखने वाले कर्मचारियों को ही नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा, वहीं इस प्रक्रिया में राज्य के 10000 संविदा कर्मचारी नियमित होंगे जबकि अन्य कर्मचारियों को 15 साल की सेवा पूरी होने के बाद ही नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा.

इससे पूर्व राजस्थान सरकार ने बजट 2023-24 में कहा था कि विभिन्न विभागों के तहत काम करने वाले संविदा कर्मचारियों को अन्य सेवाओं में नियमितीकरण का लाभ आईएएस के पद पर चयन पदोन्नति के समान पैटर्न पर किया जाएगा. इसके तहत कुल कार्य अनुभव के बजाय उन्हें एक तिहाई कार्य अनुभव को ही गिना जाएगा. हालांकि, बजट में राजस्थान सरकार द्वारा इसकी घोषणा किए जाने के साथ ही कर्मचारियों में विरोध देखा जा रहा था. इससे पहले अक्टूबर महीने में सरकार द्वारा बड़ी घोषणा की गई थी. इसमें कहा गया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियम तय किए जाएंगे. इसके साथ ही उनके वेतन को लेकर भी नियम तय किए जाने हैं.

वेतन और अन्य भत्ते का भी मिलेगा लाभ
राजस्थान सरकार द्वारा अपनी घोषणा में कहा गया था कि लंबे समय से संविदा के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया गया. इसमें पंचायत सहायक, पैरा टीचर सहित शिक्षाकर्मी के रूप में कार्य संविदा कर्मियों को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, वहीं तीनों कर्मचारियों को शुरुआत में 10400 मिलेंगे. 9 साल की नौकरी पूरी करने के बाद 18500 रुपए जबकि 18 साल की सेवा पूरी करने के बाद 33300 रुपए वेतन के रूप में प्राप्त होंगे.

बीडी कल्ला सब कमेटी की सिफारिश
आपको बता दें कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला के नेतृत्व में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियम तय किए गए थे. हालांकि, संविदा कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों के अनुसार वेतन और पदोन्नति की मांग कर रहे थे, लेकिन राज्य सरकार द्वारा ऐसा नहीं करके अलग से नियम तय किए गए हैं, वहीं राजस्थान कांट्रेक्चुअल सर्विस रूल 2021 के दायरे में आने वाली संविदा कर्मचारियों को ही नियमित किया जाएगा.

इधर बजट में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया IAS के पद पर चयन और पदोन्नति के समान पैटर्न रखने पर विरोध शुरू हो गया है. कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस पैटर्न के तहत कर्मचारियों की कुल कार्य अनुभव के बजाय उन्हें एक तिहाई कार्य अनुभव को ही मान्य किया जाएगा. संविदा कर्मचारी संघ की मांग है कि उनके पिछले सेवा के कुल कार्य अनुभव को उनके पदों के नियमितीकरण में गिना जाना चाहिए. 15 साल तक काम करने वाले को केवल 5 साल का अनुभव के ना गिना जाना सही नहीं है, वहीं राजस्थान में केवल 10000 अनुबंधित कर्मचारियों के पास ही 15 साल का अनुभव है. ऐसे में केवल 10000 को ही इस नियमितीकरण का लाभ मिलेगा, वहीं आगे आने वाली प्रक्रिया में फिर अन्य कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा.

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