हम बात कर रहें हैं यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी आकाश तोमर की, जिन्हें हाल ही में 8वीं वाहिनी का सेनानायक बनाया गया है. इससे पहले वह गोण्डा जिले में एसपी के पद पर तैनात थे. आकाश तोमर को जनता से जुड़ा हुआ अधिकारी माना जाता है और अक्सर उनके अच्छे कार्यों की तारीफ भी होती है.
आकाश का जन्म यूपी के बुलंदशहर में हुआ था. उन्होंने कानपुर के वीरेन्द्र स्वरुप स्कूल से शुरूआती पढ़ाई-लिखाई से की है. उनके 10वीं में 92 फीसदी और 12वीं में 90 फीसदी अंक आए थे.
इसके बाद उन्होंने जेईई परीक्षा निकाली और उन्हें आईआईटी रुड़की में एडमिशन मिल रहा था, लेकिन उन्होंने आईआईआईटी इलाहाबाद से बीटेक करने का फैसला किया. इंजीनियरिंग के बाद उनकी जॉब एक अमेरिकी कंपनी में लग गई.
लेकिन जॉब में आकाश का मन नहीं लगा और उन्होंने यूपीएससी निकालने का निर्णय लिया. 6 महीने में जॉब छोड़कर वे यूपीएससी की तैयारी में लग गए. साल 2012 में उन्होंने 138वीं रैंक के साथ इसमें सफलता पाई और आईपीएस ऑफिसर बने.
आकाश ने हरियाणा की रहने वाली डॉ. बबीता के साथ 2021 में शादी की. उनकी पत्नी दिल्ली के कलावती अस्पताल में डॉक्टर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता सत्यपाल सिंह तोमर भी आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाए. वह इंटर कॉलेज के प्राधानाचार्य रह चुके हैं.
आकाश तोमर अपनी दरियादिली के लिए भी मशहूर हैं. एक बार पुलिस ने एक युवक का 5000 रूपए का चालान काटा था, जिसके बाद उसने ट्विटर पर आकाश तोमर से मदद की गुहार लगाई और कहा कि वह पैसे देने में असमर्थ है, तो आकाश ने युवक का चालान कैंसिल कर दिया था. इसके अलावा एक बार जब उन्हें पता चला कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही का एक्सिडेंट हो गया है औऱ उनका इलाज चल रहा है तो आकाश ने तुरंत सिपाही की मदद के लिए 10,000 रुपए की सहायता राशि उनके अकाउंट पर भेज दी. ऐसे ही और कई किस्से हैं, जिसके कारण पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी अलग पहचान बन गई है.