राजकुमार साहू आज के आधुनिक युग में नशाखोरी, स्टेटस सिंबल बन गई गई. आधुनिकता की चकाचौंध…
Category: सम्पादकीय-लेख
लेख – गठबन्धन की सरकार बनाम समझौते की सरकार
राजकुमार साहू 18वीं लोकसभा के चुनाव के बाद देश में एक बार फिर गठबन्धन की सरकार…
लेख – राहुल गांधी, मीडिया और सियासत
राजकुमार साहू ‘आ बैल मुझे मार’ कहावत तो आपने सुनी ही होगी. लोकसभा चुनाव के दौरान…
त्वरित टिप्पणी – भाजपा ने एक बार फिर चौंकाया
राजकुमार साहू, भारतीय जनता पार्टी के फैसले हमेशा चौंकाते रहे हैं. मोदी सरकार-3 के मंत्रीमंडल विस्तार…
लेख – लोकसभा चुनाव और कांग्रेस की चुनौती
राजकुमार साहू अभी 2024 लोकसभा चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. राजनीतिक दलों ने तैयारी…
लेख – इन माननीयों को शर्म क्यों नहीं आती ?
राजकुमार साहू जिन्हें देश की अवाम आशा भरी नजरों से देखती है. यदि वही घिनौनी करतूत…
लेख – आखिर कॉन्वेंट कल्चर को बढ़ावा क्यों ?
श्रीया अग्रवाल “भाषा अभिव्यक्ति का केवल साधन होनी चाहिए; साध्य नहीं।” किसी भाषा पर अच्छी पकड़…
हरेली पर्व पर विशेष : धान की खेती में ब्यासी पद्धति को भूल गये हैं आज के किसान, ब्यासी नागर की जुताई का एक दिन की बारह सौ उपये, मगर फायदा बारह हजार रूपये का होगा
जांजगीर-चाम्पा. परम्परागत क़ृषि पद्धति को छोड़कर आज किसान यंत्रिकीकरण की पद्धति को अपनाने लगे हैं. इससे…
लेख – भारत की इस प्रगति से चिंता में हैं कुछ देश तो कुछ हैं हैरान, इसलिए रच रहे साजिश
निरंकार सिंह नई संभावनाओं के साथ देश नए वर्ष में प्रवेश कर चुका है। वैश्विक महामारी…