अकलतरी गोठान में महिला समूहों को मिली आजीविका, महिला स्व सहायता समूह सब्जी उत्पादन, जैविक खाद बनाने का कर रहीं है कार्य

जांजगीर-चांपा. मेहनत, लगन, परिश्रम से कार्य करने से निश्चित ही सफलता मिलती है, ऐसा ही ग्राम पंचायत अकलतरी के तीन महिला समूहों ने करके दिखाया। जिन्होंने पिछले तीन माह से लगातार अकलतरी गौठान में सब्जी-भाजी उत्पादन का काम किया और जैविक खाद बनाना शुरू किया। जिसका परिणाम उन्हें आजीविका के साधन के रूप में प्राप्त हुआ। समूह की महिलाओं का कहना है कि सब्जी, भाजी और जैविक खाद के कार्य करने से उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है साथ ही गांव की दूसरी महिलाएं भी प्रेरित हो होने लगी हैं।
राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के तहत जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम पंचायत अकलतरी में बनाए गए गौठान से महिला स्व सहायता समूह जय मां रंजीता, जय मां शारदा और पुसाई स्व सहायता समूह को दिसम्बर 2019 में जोड़ा गया। गौठान में कार्य शुरू करने के पहले उन्हें गौठान का भ्रमण कराया एवं प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद गौठान में उन्होंने खाली जमीन पर सब्जी-भाजी लगाने का काम शुरू किया। गौठान में मिली जगह में करेला, प्याज, टमाटर, बैगन, भिंडी, लौकी, पालक भाजी, धनिया, मैथी भाजी, लाल भाजी, मूली, बर्रे भाजी आदि लगाई। जय मां रंजीता महिला स्व सहायता समूह की सचिव संतोषी, जय मां शारदा समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती और पुसई स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुसईबाई बताती हैं, गौठान में मिली जगह से सब्जी-भाजी लगाई तीन माह की मेहनत से आज भरपूर सब्जी-भाजी हो रही है। जो भी सब्जी निकलती है उसमें से कुछ सब्जी को गांव के लोग खरीदकर ले जाते हैं, और उसमें से कुछ का उपयोग वे अपने घर ले जाती है, जिससे उन्हें बाहर से सब्जी नहीं खरीदनी पड़ती। सब्जी-भाजी के साथ गौठान में गोबर को नाडेप टैंक में डालकर जैविक खाद तैयार करना शुरू किया है। जैविक खाद का उपयोग वे सब्जी-भाजी की फसल में कर रही है, जिससे बेहतर उत्पादन हो रहा है।
लगातार किया जा रहा है प्रेरित
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि कलेक्टर जेपी पाठक के मार्गदर्शन में गौठान में समूह की महिलाओं को आजीविका संवर्धन की दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही गौठान के नोडल अधिकारियों को सतत मानीटरिंग एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को समूह को प्रशिक्षित करने कहा गया है, जिससे वे बेहतर कार्य करते हुए अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें। जिपं सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि महिला समूहों को किसी भी स्तर पर प्रशिक्षण की जरूरत होगी तो उन्हें मुहैया कराया जाएगा। महिला समूहों को आजीविका से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर आर्थिक रूप से मजबूत करना है। जनपद पंचायत सीईओ श्री सत्यव्रत तिवारी ने बताया कि गौठान में कार्य कर रही समूह की महिलाओं को लगातार प्रशिक्षण दिया गया और मानीटरिंग की गई। सहायक विकास विस्तार अधिकारी सुश्री श्रद्धा सिंह ने बताया कि तीन माह पहले महिलाओं ने गौठान में सब्जी उत्पादन एवं जैविक खाद बनाने के बारे में उन्हें जानकारी दी गई। प्रशिक्षण लेने के बाद महिलाओं ने गौठान में काम शुरू किया। उनके बेहतर प्रयास का ही नतीजा है कि वे आज सफल हो रही है।



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