जांजगीर-चांपा. कलेक्टर यशवंत कुमार ने आदेश जारी कर कहा है कि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी मुख्यालय से बाहर रहकर आवागमन नहीं करेगा। यह आदेश कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्य की महत्ता को देखते हुए जारी किया गया है। आवागमन करने वाले अधिकारी ,कर्मचारी का अंतर जिला आवागमन के लिए कोविड-19, ई पास नहीं बनाया जाएगा।
कलेक्टर ने जिले सीमाओं पर बनाए गए नाकों में अधिकारी, कर्मचारियों का प्रवेश और निर्गमन प्रतिबंधित कर दिया है । अति आवश्यक होने पर मुख्यालय छोड़ने के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत लिखित आवेदन प्रस्तुत कर कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी। व्हाट्सएप ग्रुप पर लिख कर कोई भी अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय से बाहर नहीं जाएगा। जारी आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि ऐसे अधिकारी, कर्मचारी जो मुख्यालय से बाहर रहकर आवागमन करते हैं, वे एक सप्ताह के भीतर मुख्यालय में अपने निवास का प्रबंध कर लें।
… क्या आदेश का हो पाएगा पालन ?
जब भी जिले में नए कलेक्टर पदस्थ होते हैं, उनका यही फरमान होता है कि अधिकारी- कर्मचारी, मुख्यालय में ही रहें, लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद पुराना ढर्रा भी शुरू हो जाता है. अधिकारियों का अप-डाउन का सिलसिला चलते रहता है. निश्चित ही, मुख्यालय में अधिकारी रहेंगे तो विभागीय कामकाज में तेजी आएगी, वहीं मॉनिटरिंग भी होगी, लेकिन ऐसा आदेश, अक्सर कागज तक ही सीमित हो जाता है. आदेश के बाद उसके पालन की दिशा में सख्ती होनी चाहिए, वह कुछ दिनों में ढीली पड़ जाती है और अधिकारी-कर्मचारी बेलगाम होकर मुख्यालय में नहीं रहते और बाहर से अपनी मर्जी से आवागमन करते हैं. अब देखना होगा कि नए कलेक्टर का फरमान का कितना असर दिखता है और इसका कितने दिनों तक पालन होता है.
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