जांजगीर-चाम्पा. कोरोना महामारी के संकटकाल में देश की एक बड़ी आबादी अपने परिवार के साथ सड़कों पर हैं। इस गंभीर विषय पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 40 डिग्री धूप में सड़क पर पैदल चल रहे मजदूर परिवार, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगा। लोक + तंत्र में लोक यही जनता है, जिसे चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी के नेता जनता जनार्दन कहती है और सत्ता में बैठते ही अपने उद्योगपति मित्रों की चिंता करते हैं। अपने परिवार पालन पोषण हेतु रोजी रोजगार के लिए प्रदेश से बाहर गए मजदूर भाई बहनों के सब्र का बांध तब टूट पड़ा जब बिना किसी संवाद के देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम संदेश कार्यक्रम में 21 दिनों के पहले लॉक डॉउन की घोषणा की थी। अपनी जमा पूंजी से राशन का व्यवस्था कर प्रदेश में आय के साधन बिना ही किराए के घरों में अपने परिवार सहित कैद हो गए। 21 दिनों का पहला लॉक डॉउन खत्म होने के 3 दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री द्वारा टेलीविजन के आकर दूसरे लॉक डॉउन की भी घोषणा की गई। देश में सभी यातायात के साधन बंद हो गए। तब पूरे भारत देश में मजदूरों का घर वापसी के लिए सड़कों पर पैदल, सायकल व अन्य साधनों से 15 अप्रेल से वर्तमान के आज तक बदस्तूर सफर जारी है।
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भूखे प्यासे मजदूर परिवार अपनी पेट का आग बुझाने के लिए रोटी गुड, रोटी प्याज, बिस्किट मिक्चर खाकर हजारों किलोमीटर के सफर के लिए निकल पड़े हैं। एक तरफ जहां विभिन्न समाजसेवी संगठनों द्वारा खाने के लिए भोजन, मास्क, पहनने के लिए चप्पल दिया गया तो कहीं इन लोगों को पुलिस के डंडों का सामना भी करना पड़ा है। मजदूर परिवारों के इस दशा का जिम्मेदार आखिर देश की सत्ता में बैठे यही लोग हैं। गांधी जी के देश में 90% लोग एसी, कूलर पंखे चलाकर अपने घरों में बैठें हैं और देश के 10% लोग सड़कों पर परिवार सहित पैदल चल रहे हैं। केंद्र सरकार को क्यों शर्म नहीं आती है, यह ताज्जुब की बात है।