7500 वर्गफीट और अतिक्रमित शासकीय भूमि के आवंटन की प्रक्रिया पुनः प्रारंभ करें : कलेक्टर, निर्देशों का कड़ाई से पालन और प्रचार-प्रसार कर निष्पक्ष कार्रवाई करने के निर्देश

जांजगीर-चापा. कलेक्टर यशवंत कुमार ने आज राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि लाकडाउन के कारण नगरीय क्षेत्रों के अनुपयोगी 7500 वर्ग फिट शासकीय भूमि के आवंटन एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन आदि के कार्य को पुनः प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में राज्य सरकार के दिशा- निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की जाए। बैठक में बताया गया कि भूमि के आवंटन में एक से अधिक दावेदार होने पर निविदा/नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी। निर्धारित मूल्य से कम मूल्य की बोली लगने पर निलामी निरस्त कर दी जाएगी। ऐसी स्थिति में यह प्रक्रिया दोबारा की जाएगी। कलेक्टर ने 7500 वर्गफीट भूमि की नीलामी और अतिक्रमित भूमि के आंबटन में शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रचार-प्रसार कर निष्पक्ष कार्रवाई करने के निर्देश सभी एसडीएम को दिए ।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि 7500 वर्ग फीट भूमि आवंटन वाले प्रकरणों में भूमि चयन में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए किभूमि किसी अन्य शासकीय प्रयोजन की दृष्टि से वह अनुपयोगी हो। ग्राम एवं नगर निवेश विभाग के द्वारा तय मापदंडों के अनुसार आवंटन के अनुकूल होना आवश्यक है। इसी प्रकार बैठक में अतिक्रमण भूमि के व्यवस्थापन एवं आवंटन के लिए भी नगर निवेश की सहमति प्राप्त करने एवं प्रचार प्रसार के निर्देश दिए गए । नगर पालिका एवं नगर पंचायत के अंतर्गत अतिक्रमित भूमि के आवंटन व व्यवस्थापन के लिए संबंधित एसडीएम सक्षम होंगे। इसी प्रकार चांपा और सक्ती के गैर रियायती पट्टे के नवीनीकरण की कार्यवाही भी एसडीएम द्वारा की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि भूमि डायवर्सन के लिए एसडीएम अधिकृत हैं। शासन की नीति के तहत 15 साल का एकमुश्त भू-भाटक शुल्क जमा करने पर 30 साल का लाभ दिया जा रहा है। शासन की इस योजना का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश सभी एसडीएम को दिया गए । बैठक में भू-भाटक के लंबित प्रकरणों में रुचि लेकर वसूली की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। लंबित प्रकरणों में छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा।
बैठक में विवादित बटवारा, नामांतरण, सीमांकन, बटांकन आदि के प्रकरणों की भी समीक्षा करते हुए लंबित पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ पहले निराकरण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार राजस्व न्यायालयों के शत प्रतिशत प्रकरणों को ई-कोर्ट में दर्ज करने निर्देशित किया गया।
बैठक में अपर कलेक्टर द्वय श्रीमती लीना कोसम, एसएस पैकरा, सभी एसडीएम सहित नगर निवेश, भू अभिलेख के अधिकारी उपस्थित थे।



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