जांजगीर-चांपा. अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कलेक्टर के मार्गनिर्देशन में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाई की गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रीति खोखर चखियार एवं चंद्रवेश सिंह सियोदिया जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा बाल विवाह से संबंधी सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाई की गयी। गजेन्द्र सिंह जायसवाल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने टीम तैयार कर पुलिस विभाग से समन्वय कर ग्राम बालपुर, सिवनी (चांपा) में बालिका के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की गयी। जांच में बालिका की उम्र 16 वर्ष 11 तथा 23 दिन होना पाया गया। बालिका का विवाह आज 23 जून को निर्धारित था। बालिका, बालिका के माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। समझाईस के पश्चात वार्ड पार्षद एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है। दल में सुबोध मिश्रा अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण चांपा, श्रीमती सुभद्रा सिंह परियोजना अधिकारी, चाम्पा थाना की पुलिस टीम में शामिल थे ।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह कराने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। अधिनियम के तहत 02 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।