KhabarCGNews Follow-Up : पराली की आग से किसान की फसल जलने का मामला, एसडीएम ने मामले को लिया संज्ञान में, एसडीएम ने पटवारी को मौके पर भेजा, प्रतिवेदन के आधार पर किसान को दिया जाएगा मुआवजा

जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर क्षेत्र के कुदरी गांव में लम्बोदर प्रसाद सोनझरी ने अपने खेत पर धान की खरही बनाकर रखा था. यहां आसपास के खेत में अज्ञात लोगों ने पराली जलाकर छोड़ दिया था. वह आग धीरे-धीरे फैलकर खेत में रखी धान की खरही तक जा पहुंची, जिसे धान की खरही जलकर राख हो गई.

इस तरह गरीब किसान का सालभर का मेहनत अब मिट्टी में मिल गया, वहीं किसान इस आगजनी से घटना हतास है, वहीं अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज भी कराया गया है. साथ ही, पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत के सरपंच एवं पंच गण भी किसान की मदद के लिए आगे आए. आगजनी से किसान का रो-रोकर बुरा हाल है और उसने प्रशासन से मदद की उम्मीद जताई है.



मामले में जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान ने कहा है कि पटवारी समर सिंह राज को मौके पर भेजा गया है. नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभावित किसान को नियमानुसार मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी.

मौके पर पहुंचकर पटवारी ने किया मुआयना
एसडीएम के निर्देश के बाद पटवारी, कुदरी गांव पहुंचा और मौके पर पहुंचकर आगजनी का मुआयना किया. पटवारी द्वारा किसान का बयान लेकर प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जिसे एसडीएम को सौंपा जाएगा. इसके बाद मुआवजा प्रकरण तैयार किया जाएगा.

खेत की पराली में आग लगाने कब चेतेंगे किसान ?
खेतों के बचे अवशेष ( पराली ) में आग लगाने की समस्या काफी गम्भीर है. जिले में पराली जलाने के मामले लगातार आते रहे हैं. यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है. एनजीटी का भी पराली नहीं आदेश है, फिर भी किसान चेत नहीं रहे हैं.
पराली में आग लगाने के बाद खेतों से होते हुए दूर-दूर तक आग पहुंच जाती है. जिले में पहले भी खेतों में आग लगाने के बाद लोगों की सजगता से घर जलने से बचे हैं. पराली की आग से पेड़-पौधों को तो बड़े स्तर पर अभी भी नुकसान पहुंच रहा है. सरकार और शासन-प्रशासन द्वारा पराली नहीं जलाने जागरूकता के लिए प्रयास किया गया है, लेकिन इस गम्भीर मसले पर किसानों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन को अब सख्ती बरतने की जरूरत है. एनजीटी के प्रावधान के तहत पराली जलाने वालों को जेल भेजने का भी है, लेकिन कानून का सख्ती से पालन नहीं होने से किसान इस संवेदनशील मामले में गम्भीर नजर नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से कुरदा गांव में खेत में आग लगने जैसी घटना हो रही है और खुद किसानों को भी पराली जलाने से नुकसान होता है, क्योंकि खेत के पोषक तत्व, आगजनी से नष्ट हो जाते हैं, जो फसल उत्पादन की बढ़ोतरी में मददगार होते हैं.
इस तरह अब किसानों को पराली नहीं जलाने जागरुक होना होगा और इसके चौतरफा नुकसान को भी समझना होगा.

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