कारोबारियों को मैनेजमेंट के छात्र बताएंगे विदेशों में कैसे बेच सकते हैं चूड़ी और बनारसी साड़ियां…

गौरतलब रहे ODOP यूपी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना है. इसका मकसद यूपी के अलग-अलग ज़िलों में बनने वाले उत्‍पादों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलवाना और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराना है.

नई दिल्ली. फिरोजाबाद (Firozabad) की चूड़ी हो या फिर बनारस की साड़ी, लखनऊ (Lucknow) का चिकन और आगरा का जूता. देश के साथ-साथ विदेशों में भी इन्हें और अच्छे तरीके से कैसे बेच सकते हैं, अब कारोबारियों को यह फंडे मैनेजमेंट के छात्र सिखाएंगे. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ए‍क जनपद, एक उत्‍पाद योजना (ODOP) के तहत मैनेजमेंट के छात्रों का एक हैकाथॉन आयोजित कराने जा रहे हैं. डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम प्राविधिक विश्‍वविद्यालय (AKTU) के सेमेस्टर एग्जाम के बाद यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
इसके तहत छात्र यूपी के हर उस ज़िले में कारोबारियों से मिलेंगे जहां इस तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इस हैकाथॉन में 250 से अधिक संस्‍थानों के छात्र हिस्सा लेंगे. ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ विश्‍वविद्यालय में एक इनक्यूबेशन सेंटर भी बनने जा रहा है.
गौरतलब रहे ओडीओपी यूपी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना है. इसका मकसद यूपी के अलग-अलग ज़िलों में बनने वाले उत्‍पादों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलवाना और कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराना है. यूपी में ऐसे उत्‍पाद बनते हैं, जो पूरे देश में कहीं नहीं बनते हैं.
इसमें प्राचीन एवं पौष्टिक काला नमक चावल, फिरोजाबाद के कांच के उत्‍पाद, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी-जरदोजी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य आदि हैं. इन कलाओं से ही उन जनपदों की पहचान होती है. इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे. सरकार उनको ओडीओपी के तहत फिर से पहचान दिला रही है.
एमएसएमई और एकेटीयू मिलकर करेंगे यह काम
एमएसएमई से समझौते के बाद एकेटीयू यूपी के 250 से अधिक तकनीकी और प्रबंधन संस्‍थानों के छात्रों के लिए हैकाथॉन का आयोजन करेगा. इसमें बीटेक व एमबीए के छात्र-छात्राएं ओडीओपी योजना से जुड़े उत्‍पादों को कैसे तकनीक से जोड़कर बेहतर बनाया जाए, जिससे वह उत्‍पाद अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर नई पहचान बना सकें इस पर अपने आइडियाज देंगे. वहीं विश्‍वविद्यालय से जुड़े प्रबंधन संस्‍थानों के छात्र उत्‍पादों के बेहतर प्रबंधन के सुझाव देंगे.
यह बोले एकेटीयू के वाइस चांसलर 
एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक बताते हैं कि छात्रों के इनोवेटिव आइडिया से उत्‍पादों को एक नई पहचान मिलेगी. प्रदेश के उत्‍पादों को बढ़ावा मिलने के साथ प्रधानमंत्री का आत्‍मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा. एकेटीयू के प्रवक्‍ता आशीष मिश्र बताते हैं कि अभी छात्रों की सेमेस्‍टर परीक्षाएं चल रही हैं. परीक्षाओं के बाद हैकाथॉन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है.



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