भारत ने अपने घर में कोरोना काल के दौरान खेली गई पहली इंटरनेशनल क्रिकेट सीरीज में मेहमान इंग्लैंड टीम को 3-1 के अंतर से मात दी। इस जीत के पीछे वैसे तो कई खिलाड़ियों का योगदान रहा, लेकिन जब भी इस सीरीज की जिक्र होगा तो आर अश्विन और अक्षर पटेल का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा। दोनों ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड की दूसरी पारी के सभी 10 विकेट आपस में बांटे। अश्विन ने इस दौरान एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें वर्तमान समय में भारत का बेस्ट स्पिनर कहा जाता है। यह पूरी टेस्ट सीरीज अश्विन के लिए काफी खास रही क्योंकि उन्होंने इसमें एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है जो उनसे पहले भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह और अनिल कुंबले भी नहीं बना पाए हैं।
अश्विन ने इस पूरी सीरीज में गेंद और बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन किया और मैन ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड जीता। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में उन्होंने 22.5 ओवर में 47 रन पर पांच विकेट झटके। अश्विन ने अपने करियर में 30 बार एक पारी में पांच विकेट चटकाने का कारनामा भी इसी टेस्ट में किया। इसके साथ ही उन्होंने पूरी सीरीज में विकेट की संख्या 32 तक पहुंचा दी। अश्विन ने अपने करियर में दूसरी बार एक सीरीज में 30 या उससे अधिक विकेट लिए हैं। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। यह रिकॉर्ड हरभजन सिंह और अनिल कुंबले जैसे धुरंधर भी नहीं बना पाए हैं।
अश्विन ने चौथे टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लिश बल्लेबाज डेनियल लॉरेंस को बोल्ड कर इंग्लैंड की पारी समेट दी और पारी का अपना पांचवां विकेट हासिल किया। भारत ने इसके साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले में भी जगह बना ली। इसके अलावा अश्विन ने इस सीरीज के दौरान अपने टेस्ट करियर में विकेटों की संख्या 400 के पार कर दी। अश्विन अब टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर हैं। उनसे आगे हरभजन सिंह, कपिल देव और अनिल कुंबले ही हैं। अश्विन ने इस टेस्ट सीरीज में अपने होम ग्राउंड चेन्नई में एक शानदार शतक भी जड़ा था। यह उनके करियर का पांचवा टेस्ट शतक था।