जांजगीर-चाम्पा. 70 वर्षीय वृद्धा के साथ जबरदस्ती रात्रि में घर घुसकर हवस का शिकार बनाने वाले अभियुक्त के खिलाफ आरोप दोष सिद्ध पाए जाने पर सक्ती की विशेष न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने अभियुक्त को 7 वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना 5 दिसंबर 2018 की डभरा थाना क्षेत्र की है। 70 वर्षीय वृद्धा के 5 बच्चों का विवाह हो चुका है तथा उसके सभी बच्चे अलग-अलग रहते हैं। पीड़िता भी अपने पुश्तैनी मकान में अकेली रहती है। घटना दिनांक को अभियुक्त मनोज कुमार चौहान पिता मेहतर चौहान उम्र 35 वर्ष निवासी सुरसी थाना डभरा, जो रिश्ते में पीड़िता वृद्धा के देवर का दामाद है, ने वृद्धा के अकेलेपन का फायदा उठाते हुए उसके घर में जबरदस्ती घुसा और दरवाजा अंदर से बंद करके आरोपी शख्स मनोज कुमार चौहान ने 70 वर्षीय अपनी चचेरी सास के मुंह में कपड़े बांधकर उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार कारित किया। घटना को पीड़िता ने अपनी पुत्री एवं गांव के सरपंच को बताया तथा डभरा थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस थाना डभरा द्वारा पीड़िता की रिपोर्ट पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 450, 376 उप धारा एक भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसे रिमांड पर जेल भेजा गया और विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में निर्णय हेतु प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोषसिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये के अर्थदंड तथा धारा 376 एक भारतीय दंड संहिता के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया तथा अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा दिया गया है।
अभियुक्त को दी गई सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अभियोजन की ओर से पैरवी शासकीय विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता राकेश महंत ने की। सक्ती की विशेष न्यायाधीश श्रीमती गीता नेवारे ने शासन की ओर से क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को एक लाख रुपए शासन से दिलाए जाने की अनुशंसा निर्णय में किया है।