जांजगीर-चाम्पा. 16 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग पीड़िता को ले जाकर खेत में जबरन दुष्कर्म करने एवं रात भर कमरे में बंद रखने वाले आरोपी को विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने विचारण उपरांत आरोप प्रमाणित पाए जाने पर 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹10000 के अर्थदंड से दंडित किया है.
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिवक्ता राकेश महंत के अनुसार, अभियुक्त दीपक कुमार धनुहार पिता स्वर्गीय पंचराम थाना नगरदा ने शाम लगभग 7:00 बजे नाबालिग पीड़िता को चलो घूम कर आते हैं, बोलकर खेत में ले जाकर जबरन उसके साथ बलात्कार किया और अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर नाबालिग पीड़िता को रात भर एक कमरे में बंद रख उसे घर नहीं जाने दिया. दूसरे दिन सुबह नाबालिग पीड़िता अपने घर आई और अपनी मां को घटना के बारे में जानकारी दी.
इसके बाद थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई. थाना नगरदा द्वारा आरोपियों के खिलाफ धारा 376 की उप धारा 2 झ एवं 342 34 भारतीय दंड संहिता तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी दीपक धनुहार को गिरफ्तार किया एवं आरोपी जीवन लाल यादव के घटना के बाद से ही फरार हो जाने एवं उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से उसे फरार घोषित किया गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया.
विशेष न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने विचारण उपरांत अभियुक्त दीपक धनुहार के खिलाफ लगाए गए आरोप में सिद्ध दोष पाते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत 20 वर्ष की सश्रम कारावास और ₹10000 के अर्थदंड, धारा 342, 34 के अपराध के लिए 6 माह के सश्रम कारावास एवं ₹500 की अर्थदंड की सजा से दंडित किया है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर पृथक से छह माह एवं 1 माह की सजा से दंडित किया जाएगा. अभियुक्त को दी गई सजाएं साथ-साथ चलेगी.