गलत तरीके से खाता फ्रीज करने पर पीएनबी को देना होगा 30,000 क्षतिपूर्ति जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला

जांजगीर-चाम्पा. बिल्डिंग व सिविल कंस्ट्रक्शन कार्य करने वाली मॉ कंट्रक्शन फर्म नैला जांजगीर के खाता को पीएनबी नैला ब्रांच के द्वारा केंद्र शासन के एक आदेश पर फ्रीज कर दिया गया था। इससे संबंधित फर्म को आर्थिक व साख संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ा, इसको लेकर जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर-चाम्पा ने फैसला सुनाया कि उक्त फर्म को पीएनबी द्वारा ₹30000 मानसिक क्षतिपूर्ति एवं ₹2000 वाद व्यय का भुगतान 45 दिन के भीतर करना होगा.
परिवादी जांजगीर नैला के मां कंस्ट्रक्शन फर्म द्वारा पंजाब नेशनल बैंक नैला शाखा में करंट अकाउंट व लोन अकाउंट संचालित किया जा रहा है. उसके तीनों अकाउंट को पीएनबी द्वारा 28 फरवरी 2020 को भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ कॉरपोरेट अफेयर्स के पत्र का हवाला देते हुए फ्रीज कर दिया गया। उक्त खाता को द्वारा संचालित करने में पीएनबी द्वारा कई महीनों का समय लिया गया. इस दौरान संबंधित फर्म को कई तरह की व्यवहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. साथ ही उसके साख को भी ठेस पहुंचने की बात कही गई. उपभोक्ता आयोग में पहुंचे मामले में फर्म ने बताया कि एक अन्य कंपनी के पैन नंबर किस जगह पर उनके फर्म का पैन नंबर डालकर उस पर नंबर से संबंधित खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया गया था।
फर्म द्वारा बैंक को बताया गया कि मामले में कोई त्रुटि हुई है उसे दूर करते हुए उनके खाते को पुनः संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाए लेकिन इस संबंध में पीएनबी द्वारा विलंब को सेवा में कमी मानते हुए रोकता आयोग के अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवांगन सदस्य मनरमण सिंह तथा मंजू लता राठौर ने पाया कि पीएनबी ने संबंधित फर्म के साथ सेवा में कमी की है. इस आधार पर पीएनबी को संबंधित फार्म को 45 दिन के भीतर ₹30000 मानसिक क्षतिपूर्ति व ₹2000 वाद व्यय की राशि का भुगतान करना होगा।



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