जांजगीर-चाम्पा. भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ग्राहक के ट्रांजैक्शन फेल होने पर संबंधित रकम उसके खाते में वापस जमा नहीं करवाने को उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी मानते हुए 45 दिनों के भीतर रकम 6% वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने का फैसला सुनाया है चांपा तहसील के ग्राम पचोरी निवासी महेश कर्ष पिता गणेश कर्ष का सारागांव स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में अकाउंट है उक्त खाते में एटीएम की सुविधा है जिसके एवज में बैंक द्वारा सेवा शुल्क लिया जाता है। 27 फरवरी 2020 को महेश बमने डिस्टिक एसबीआई के एटीएम से राशि आहरण करने गया वहां उसने ₹10000रुपये निकालने का प्रयास किया जिसमें उसे मैसेज तो मिला ₹10000 रुपये आहरण होने का लेकिन एटीएम द्वारा पैसे नहीं दिए गए इस मामले में महेश ने एसबीआई ऑनलाइन शिकायत शाखा में ट्रांजैक्शन फेल होने की शिकायत की साथ ही रकम वापस खाते में जमा कराने अपील की, लेकिन एसबीआई द्वारा ट्रांजैक्शन फेल होने की सुविधा बैंक शाखा को न देते हुए ऑनलाइन शिकायत करने की बात कही और महेश के दावा को खारिज कर दिया।
मामले में बैंक पर सेवा में कमी करने का आरोप लगाते हुए महेश ने उपभोक्ता आयोग में वाद प्रस्तुत किया जहां सुनवाई उपरांत आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह तथा श्रीमती मंजू राठौर ने पाया कि बैंक द्वारा सेवा शुल्क लेने के बाद भी सुविधा देने में विफल रहा है। मामले में आयोग में फैसला सुनाते हुए एसबीआई को 45 दिनों के भीतर महेश के खाते में आहरण की गई राशि ₹10000 भुगतान दिनांक तक 6% ब्याज की दर से अदा करने का फैसला का आदेश दिया गया साथी महेश को ₹5000 मानसिक क्षतिपूर्ति तथा ₹1000 वाद व्यय स्वरूप 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया।