रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां राज्योत्सव के अवसर पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण किसान भाइयों को 1510 करोड़ 81 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। इस राशि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त की राशि 1500 करोड़ रुपए तथा गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं ,गौठान समितियों एवं महिला स्व सहायता समूहों को दी जाने वाली लाभांश की राशि 10 करोड़ 81 लाख रुपए शामिल है। दीपावली और धनतेरस पर्व से ठीक पहले राज्य के 21 लाख ग्रामीण किसान भाइयों के खाते में राशि पहुंचने से उनके त्यौहार की खुशियां दोगुनी हो गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ियों के लिए आज सबसे बड़ा त्यौहार है, आज ही के दिन छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का सपना पूरा हुआ था। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के किसान भाईयों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान कर अपना वायदा पूरा किया है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत खरीदी गए गोबर की राशि, स्व-सहायता और गौठान समितियों को 10 करोड़ 21 लाख रूपए की लाभांश राशि का भुगतान भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों को कोरोना संकट के बावजूद भी हमारे गांव में त्यौहारों के समय पैसे की कोई कमी नहीं आने दी गई। इस साल भी हमारे किसान भाई भरपूर उत्साह के साथ दीवाली मनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार की किसान हितैषी नीतियों से बीते तीन सालों में छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी खूब फली-फूली और समृद्ध हुई है। किसान भाईयों ने धान का भरपूर उत्पादन किया है और सरकार ने भी भरपूर धान की खरीदी की है। तीन सालों में हर साल धान खरीदी का रिकार्ड टूटा है। इस साल एक करोड़ 5 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की उम्मीद है। एक दिसम्बर से राज्य में धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाएगी। मंत्रीगणों, जनप्रतिनिधियों, किसान संगठनों की मांग को देखते हुए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन की तिथि को बढ़ाकर 10 नवम्बर तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी से लेकर उद्योग, व्यापार तक छत्तीसगढ़ राज्य में तीन सालों में बहुत से कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इन तीन सालों में समाज के सभी वर्गाें तक हमने न्याय पहुंचाने का काम किया है। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने प्रदेशवासियों को राज्योत्सव, धनतेरस, दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण तथा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी अपने उद्बोधन में प्रदेशवासियों को राज्योत्सव और दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गांव, ग्रामीणों और किसानों की बेहतरी के लिए जो योजनाएं शुरू की है। उसका लाभ लोगों को मिला है। गांव और ग्रामीण स्वावलंबन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार अपने एक-एक वायदे को पूरा कर रही है। आज छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना से ग्रामीणों और किसानों को मिल रही राशि की वजह से खुशहाली का माहौल है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना की प्रगति की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रोत्साहन से राज्य में उतेरा और रबी फसलों की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। इस साल रबी सीजन में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई का लक्ष्य है। रबी फसलों की बोनी शुरू हो चुकी है। राज्य में रबी फसलों बीज और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
इस अवसर पर बस्तर सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलो देवी नेताम, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारती दासन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।