’83’ Movie : 17 रन पर गिर गए थे 5 विकेट, फिर किरमानी के शब्दों ने फूंकी थी कपिल देव में जान, पढ़िए पूरी कहानी…

भारतीय टीम ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में अपना पहला विश्व कप जीता था। इस पर अब फिल्म बनकर भी तैयार है, जो कि शुक्रवार को रिलीज होगी। बताया जाता है कि तब भारतीय टीम को कमजोर आंका जाता था और किसी ने सोचा तक नहीं था कि ये टीम विश्व विजेता बनकर लौटेगी। हालांकि, टीम ने जीतने की ठान ली थी और वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को हराकर विश्व विजेता बनी।



आसान नहीं रहा था भारत का सफर
भारत का विश्व कप जीतने तक का सफर आसान नहीं रहा था। टीम को टूर्नामेंट में कई उतार चढ़ाव वाले पल देखने को मिले थे। इस टूर्नामेंट में एक मैच ऐसा भी था, जब लगा था कि टीम हार जाएगी, लेकिन तब भारतीय कप्तान कपिल ने एक ऐसी पारी खेली थी कि वह इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया। यह मैच और कोई नहीं, बल्कि भारत बनाम जिम्बाब्वे मैच था। टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने पांच विकेट सिर्फ 17 रनों पर ही खो दिए थे, लेकिन फिर जो हुआ उसे आज भी याद किया जाता है।

मैच का प्रसारण नहीं हुआ था
यह एक ग्रुप स्टेज का मैच था। इस मैच को रिकॉर्ड नहीं किया गया था, क्योंकि बीबीसी के क्रू मेंबर्स धरने पर चले गए थे। इस मैच का कोई प्रसारण भी नहीं हुआ था। कपिल ने बेहद नाजुक स्थिति में से टीम को बाहर निकाला और नाबाद 175 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई थी। ये पारी आज भी वनडे क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार पारियों में गिनी जाती है।

विकेट गिर रहे थे कपिल बाथरूम में थे
इस मैच का एक मजेदार किस्सा ’83’ फिल्म में भी दर्शाया गया है। दरअसल हुआ यूं कि जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो उसके बाद कपिल नहाने चले गए। कुछ मिनट बाद किसी ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी और गेट खटखटाते हुए बताया कि विकेट गिर रहे हैं। किसी ने कपिल से कहा- कैप्स (तब कपिल को इसी नाम से बुलाया जाता था) दो विकेट गिर गए हैं। इस पर कपिल ने कहा- मुझे नहाने दो। जल्द ही स्कोर चार विकेट पर नौ रन और फिर 17 रनों पर पांच विकेट हो गया। कपिल बाहर निकले और जल्दी से जर्सी पहनी और मैदान पर पहुंचे।

किरमानी ने दियाा था कपिल का साथ
जब टीम मुश्किल स्थिति में थी तब कपिल के साथ क्रीज पर विकेटकीपर सैयद किरमानी मौजूद थे। उन्होंने कई सालों बाद इस राज पर से परदा हटाया कि दोनों के बीच क्रीज पर क्या बात हुई थी। किरमानी ने एक बार इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि 17 रन पर पांच विकेट गिरने के बाद कपिल मैदान पर पहुंचे। फिर उन्होंने रोजर बिन्नी के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी की। बिन्नी 22 रन बनाकर आउट  हुए। इसके बाद रवि शास्त्री 1 रन और मदनलाल ने 17 रन की पारी खेली।

10वें बल्लेबाज के रूप में मैदान पर उतरे किरमानी
किरमानी 10वें बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर उतरे थे। वे बताते हैं कि जब मैं मैदान पर उतरा तो कपिल सिर झुका के खड़े थे। तब वनडे 60 ओवरों के हुआ करते थे। मैं उनके पास गया और कहा कि कैप्स सुनो, हम करो या मरो वाली स्थिति में हैं। हम बैठकर इसी तरह हार नहीं मान सकते। हमें सामने वाली टीम को हराकर ही दम लेना है। मैंने उन्हें प्रेरित करने की भी कोशिश की।

35 ओवर की थी बल्लेबाजी
किरमानी बताते हैं- मैंने कपिल से कहा कि आप भारतीय टीम के बेस्ट हिटर हैं। मैं एक-एक रन लूंगा और आपको स्ट्राइक दूंगा। आप हर गेंद को मारने की कोशिश करो। इस पर कपिल ने कहा था, ‘किरी भाई हमें अभी 35 ओवर और बल्लेबाजी करनी है, लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। इसके बाद उन्होंने जो बल्लेबाजी की वह देखने लायक थी। उन्होंने गजब के छक्के चौके लगाए और विकेट नहीं गंवाया।

नाबाद लौटे थे कपिल-किरमानी
कपिल ने जो बल्लेबाजी की, उसकी मिसाल आज भी दी जाती है। कपिल 138 गेंदों पर 175 रन बनाकर नाबाद रहे। इसमें 16 चौके और तीन छक्के शामिल हैं। भारत ने 60 ओवर में आठ विकेट खोकर 266 रन बनाए और जिम्बाब्वे को फिर 57 ओवरों में 235 रनों पर ढेर कर दिया। कपिल ने रोजर बिन्नी के साथ 60 रनों की साझेदारी की। फिर मदन लाल ने कपिल के साथ 62 रन जोड़े थे। टीम ने 140 रन पर आठ विकेट गंवा दिए थे।  इसके बाद कपिल और किरमानी ने 126 रनों की नाबाद साझेदार की थी। किरमानी ने 56 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 24 रन बनाए।

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