नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में शीत लहर चल रही है। जिसकी वजह से तापमान भी काफी गिर गया है। मौसम में हुए इस बदलाव के कारण लोगों के बीमार पड़ने का ख़तरा भी बढ़ा है। चाहे आप सर्दी में एक बार बीमार क्यों न पड़ चुके हों, ये ठंडी हवाएं एक बार फिर आपको अपना शिकार बना सकती हैं। यही वजह है कि हम सभी को सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
1. हड्डियों, जोड़ों और मासंपेशियों में दर्द
सर्दियों में धूप बहुत कम निकलती है। इसका मतलब प्राकृतिक तौर पर आपके शरीर को विटामिन-डी नहीं मिल पाता। इस स्थिति में नमी और कम तापमान को भी जोड़ दें, तो आप हड्डियों, जोड़ों और मासंपेशियों में दर्द ज़रूर महसूस करेंगे। गर्म कपड़े पहनें, विटामिन-डी से भरपूर खाना खाएं और एक्सरसाइज़ करें ताकि शरीर में अकड़न से बचें।
2. खांसी और ज़ुकाम
तापमान में अचानक बदलाव आने से सभी लोग खांसी और ज़ुकाम से जूझते हैं। आपके मुंह पर पड़ती ठंडी हवा भले ही आपको मज़ेदार लगती हो, लेकिन लंबे समय में इसकी वजह से आप गले, कानों और सीने में दर्द से जूझ सकते हैं। इस मौसम में खांसी और ज़ुकाम से बचे रहने के लिए खुद को गर्म रखें और खूब सारी गर्म ड्रिंक्स पिएं।
3. ब्रॉन्क्राइटिस और सांस से जुड़ी बीमारियां
ठंडी हवाओं और नमी के संपर्क में आने से ब्रोंकाइटिस से लेकर फेफड़ों में संक्रमण तक सब कुछ हो सकता है। एक बार जब आपके शरीर में ठंडक घुस जाती है, तो यह श्वसन पथ को प्रभावित करने के साथ बुख़ार का भी कारण बनती है। इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप गर्म रहें, और अपने श्वसन पथ को साफ रखने के लिए गर्म पानी और गर्म सूप पिएं।
4. ब्लड प्रेशर से जुड़ी दिक्कतें
शीत लहर का मतलब है कि घटते तापमान के साथ वायुमंडलीय दबाव कम हो जाएगा। इसकी वजह से अक्सर हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत होती है। यह सिर दर्द से लेकर स्ट्रोक का कारण बनता है। हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति से निपटने के लिए आपको लहसुन, केला, सिटरस फलों और शहद का सेवन करना चाहिए.
5. त्वचा से जुड़ी दिक्कतें
तापमान में अचानक गिरावट और शीत लहर का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। होंठ फटने लगते हैं और त्वचा भी रूखी होकर फटने लगती है। अगर इसका समय रहते उपाय न किया जाए, तो इसमें दर्द होने के साथ ब्लीडिंग भी हो सकती है। इसलिए त्वचा को मॉइश्चराइज़्ड रखें, खूब पानी पिएं, ताकि स्किन से जुड़ी दिक्कतें न हों।