विराट कोहली को भारतीय वनडे टीम की कप्तानी से जिस प्रकार हटाया गया है, उससे उनके फैंस काफी आहत और निराश हुए हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो कोहली कप्तानी छोड़ने के मूड में नहीं थे. वे 2023 वर्ल्ड कप कप्तान रहना चाहते थे, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन्हें यह मौका नहीं दिया. भारतीय क्रिकेट में यह पहला मौका नहीं है, जब किसी कप्तान को इस तरह एक झटके में हटाया गया हो.
आज से 42 साल पहले भी एक बार और ऐसा हुआ था, जब आनन-फानन में भारतीय टीम के कप्तान श्रीनिवास वेंकटराघवन को हटा दिया गया था. इससे पहले वेंकटराघवन दो वर्ल्ड कप (1975 और 1979) में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके थे. गजब बात तो यह थी कि वेंकटराघवन और पूरी टीम को यह फेरबदल की जानकारी फ्लाइट में मिली थी.
42 साल पहले वेंकटराघवन को हटाया था
दरअसल, हुआ यह था कि वेंकटराघवन को 1974 में दो टेस्ट के लिए कप्तानी मिली थी, जिसमें टीम हारी थी. इसके बाद जून 1979 तक वेंकटराघवन ने सिर्फ वनडे टीम की ही कप्तानी संभाली थी. टेस्ट की कप्तानी सुनील गावस्कर के हाथों में थी. तब जुलाई-अगस्त 1979 में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए गावस्कर की जगह वेंकटराघवन को कप्तान बनाया गया. यह चौंकाने वाला फैसला था.
इस इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया ने 7 टेस्ट खेले, जिसमें से 2 हारे और 5 ड्रॉ रहे. इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया जब अपने घर लौट रही थी, तभी अचानक से फ्लाइट में पायलट के पास चल रहे रेडियो से पता चला कि कप्तान वेंकटराघवन को टीम की कप्तानी से हटा दिया गया है. तब मोबाइल फोन या इंटरनेट जैसा कोई साधन नहीं था, इसलिए टीम को इस तरह जानकारी मिली थी. भारतीय बोर्ड ने वेंकटराघवन को सभी फॉर्मेट (वनडे, टेस्ट) की कप्तानी से हटा दिया था. उनकी जगह सुनील गावस्कर को ही कमान सौंपी गई थी.
कोहली को मिला था 48 घंटे का समय
अब 42 साल बाद भी लगभग कुछ इसी तरह इतिहास दोहराया गया है. यहां करीब 5 साल से टीम की कप्तानी कर रहे विराट कोहली को आनन-फानन में हटा दिया गया. उनकी जगह रोहित शर्मा को वनडे और टी-20 का कप्तान बनाया गया है. हालांकि टेस्ट फॉर्मेट में अब भी कोहली ही कप्तान रहेंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने कोहली को सम्मानपूर्वक कप्तानी छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया था, लेकिन कोहली की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने पर बोर्ड ने अपनी कलम चलाई और कप्तानी से बर्खास्त कर दिया.