200 लोगों की टीम पालम एयरपोर्ट पर छापेमारी के लिए निकलने के लिए तैयार थी और ठीक उसी वक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी को लकवा मार गया।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय की नई किताब ‘वी पी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’ में उस किस्से का जिक्र किया गया है. जब एक तरफ 200 लोगों की टीम पालम एयरपोर्ट पर छापेमारी के लिए निकलने के लिए तैयार थी और ठीक उसी वक्त रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी को लकवा मार गया।
दी लल्लनटॉप के शो ‘किताबवाला’ के दौरान पत्रकार सौरभ द्विवेदी के साथ बातचीत करते हुए संतोष भारतीय ने इस किस्से के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ”भूरेलाल वीपी सिंह के घर पहुंचे और संयोगवश मैं भी वहां पर मौजूद था। वे दोनों लोग कमरे में चले गए। फिर कुछ देर के बाद वे लौटे।”
संतोष भारतीय बताते हैं, ” धीरूभाई अंबानी के जासूस हर जगह मौजूद थे और उनको पता चल गया था कि 200 लोगों की टीम छापेमारी के लिए पालम एयरपोर्ट पर खड़ी है। ये बात जानने के बाद धीरूभाई को लकवा मार गया। तब सीनियर आईएएस अफसर भूरेलाल यही खबर लेकर वीपी सिंह के पास आए और उन्हें यह बात बताई होगी।”
संतोष भारतीय ने कहा, ”अगले दिन ये खबर आई कि धीरूभाई अंबानी को लकवा मार गया है। इसके बाद पूरे घटनाक्रम को मैंने एक सूत्र में जोड़ दिया।” इस किताब में संतोष भारतीय ने एक और खुलासा किया है कि चावल के व्यापार (चावल की कंपनी) का अमिताभ बच्चन खुद हिस्सा थे। किताब में लेखक और पत्रकार संतोष भारतीय ने दावा किया है कि तब सूरी, शर्मा और बच्चन ने मिलकर चावल का व्यापार शुरू किया था।
संतोष भारतीय आगे बताते हैं, ”राजीव गांधी की हत्या के बाद, जब सोनिया गांधी ने शायद इसके बारे में पता किया होगा कि चावल का कुछ कारोबार था और उससे कुछ आना था। हो सकता है कि सोनिया गांधी ने अमिताभ बच्चन से बात की और राहुल गांधी की फीस को लेकर चिंता जाहिर की हो। अमिताभ बच्चन ने इसके अगले दिन 1000 डॉलर का चेक उन्हें भेज दिया। सोनिया गांधी को यह अपना अपमान लगा और उन्होंने वह चेक लौटा दिया।” संतोष भारतीय किताब के हवाले से दावा करते हैं कि वहां से अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार के बीच रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो गया।