19 साल की उम्र में नाप ली पूरी दुनिया, जानिए कौन है इतिहास रचने वाली पायलेट zara rutherford ?

बेल्जियम की 19-वर्षीय पायलट जारा रदरफोर्ड अब पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वालीं सबसे कम उम्र की महिला बन गई हैं। इतनी छोटी सी उम्र में दुनिया को नापने वालीं जारा ने पिछले वर्ष 18 अगस्त को बेल्जियम के कॉर्ट्रिज्क-वेवेलगेम हवाई अड्डे से अपनी यात्रा शुरू की थी।पिछले पांच महीनों में उन्होंने अमेरिका, रूस और कोलंबिया समेत 52 देशों की यात्रा की। इसके अलावा उन्होंने पांच महाद्वीपों में भी अपने कदम रखे। जारा रदरफोर्ड के नाम अब सबसे कम उम्र की पायलट का विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो गया है, जिसने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया।



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बुधवार को जारा रदरफोर्ड ने अपने अंतिम पड़ाव यानी जर्मनी में लैंड किया था, इसके अगले ही दिन वह अपने स्वदेश बेल्जियम में उतरीं। जारा ने कॉर्ट्रिज्क-वेवेलगेम हवाई अड्डे पर अपनी यात्रा पूरी की, यहीं से अगस्त में उन्होंने अपने यात्रा की पहली उड़ान भरी थी।

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आपको बता दें कि जारा से पहले सबसे कम उम्र में दुनिया का चक्कर लगाने का रिकॉर्ड अमेरिकी एविएटर शाइस्‍ता वैस के नाम था। उस समय वह 30 वर्ष की थीं।

60 से अधिक स्टॉप लिए
शाइस्‍ता वैस ने 2017 में ये रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इसके चार साल बाद ही बेल्जियन-ब्रिटिश पायलट जारा रदरफोर्ड ने उनका रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। जारा ने बताया कि उन्होंने अपने तय समय से 2 महीने पहले ही यात्रा को पूरा कर लिया। इसमें सबसे बड़ा योगदान मौसम का रहा। अपनी यात्रा में जारा ने अलग-अलग देशों में 60 से अधिक स्टॉप लिए। जारा ने उम्मीद जताई है कि उनकी ये यात्रा विमानन में लड़कियों की रुचि जगाएगी।

कौन हैं सारा जारा रदरफोर्ड ?
जारा रदरफोर्ड के पास ब्रिटिश और बेल्जियम की राष्ट्रीयता है, वह बेल्जियम के ब्रुसेल्स शहर में रहती हैं। जारा, सेंट स्विटुन स्कूल की छात्रा हैं, उनके माता-पिता दोनों पायलट है। जारा ने सिर्फ 14 साल की उम्र से ही पायलट बनने की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। अपनी यात्रा से एक साल पहले ही उन्हें अपना पायलट का लाइसेंस मिला था। जारा एक अंतरिक्षयात्री बनना चाहती हैं, यात्रा से लौटने के बाद फिलहाल वह कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताना चाहती हैं।

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महिलाओं को करना है प्रोत्साहित
बता दें कि पुरुषों में सबसे कम उम्र में दुनिया का चक्कर लगाने वाला शख्स सिर्फ 18 साल का था। जारा रदरफोर्ड आगे कंप्यूटर विज्ञान या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती हैं। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपनी यात्रा से ज्यादा लड़कियों को प्रोत्साहित करना चाहती हैं जो एविएशन में जाना चाहती हैं। अपने सफर के दौरान जारा को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, एक समय तो वह काफी डर गई थीं।

यात्रा के दौरान लगा जिंदगी खत्म हो जाएगीजारा बताती हैं कि उन्हें सबसे अधिक डर न्‍यूयार्क और उसके बाद आइसलैंड के ऊपर से उड़ान भरने के दौरान लगा। यहां के सक्रिय ज्वालामुखी को देख उन्हें लग रहा था कि कहीं जिंदगी खत्म न हो जाए। ऐसा ही डर उन्हें साइबेरिया के जमे हुई पहाड़ और जंगल के ऊपर से गुजरने के दौरान और उत्‍तर कोरिया के हवाई स्‍पेस से निकलने के संकरे रास्‍ते के दौरान भी लगा। जारा ने कहा, ‘यात्रा के दौरान उत्‍तर कोरिया मिसाइलों का परीक्षण कर रहा था और उसने कोई चेतावनी भी नहीं दी थी।’

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