Manoj Tiwari Birthday: एक्टर बनने से पहले प्लेटफॉर्म पर सोकर मनोज तिवारी ने काटीं रातें, राजनीति में आने के बाद पलटी किस्मत

एक्टर गायक और पॉलिटिशियन मनोज तिवारी 1 फरवरी को अपना जन्मदिन मनाते हैं। मनोज तिवारी एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी गायकी से बिहार के साथ देश भर के लोगों के दिलों पर राज किया है। इसी के साथ उन्होंने एक्टिंग के क्षेत्र में भी खूब नाम कमाया। भोजपुरी फिल्मों में जलवा बिखेरने वाले मनोज तिवारी ने एक स्टार से पॉलिटिशियन बनने तक का सफर तय किया। हालांकि उनके लिए ये सफर आसान नहीं रहा। एक अलग मुकाम पाने के लिए मनोज तिवारी ने भी बहुत स्ट्रगल किया। तो उनके जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं कैसा रहा उनका सफर।



मनोज तिवारी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर गायक के रूप में की थी। इसके बात उन्होंने हाफ पैंट वाली से हमरा त लब हो गईल, गोरिया चांद के अजोरियां नियर गोर बाडू हो और गैंग्स ऑफ वासेपुर के लिए ‘जिया हो बिहार के लाला’ गाया जो काफी हिट हुए। उनका गाना ‘चट देनी मार देत खींच के तमाचा, हीही हंस देले..रिंकिया के पापा’, लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है।

मनोज तिवारी ने साल 2004 फिल्म ‘ससुरा बड़ा पईसावाला’ से भोजपुरी इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। उनकी ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई और मनोज को घर-घर में पहचान मिल गई। सिर्फ 30 लाख के बजट की इस फिल्म ने उस समय तकरीबन 9 करोड़ रुपये की कमाई की थी।

गायक से एक्टर और एक्टर से पॉलिटिशियन बने मनोज तिवारी ने साल 2009 में सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और यहीं से उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। हालांकि वह उस समय के गोरखपुर सांसद और वर्तमान के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह चुनाव हार गए थे। इसके बाद मनोज तिवारी साल 2013 में सपा का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी गए।

एक इंटरव्यू के दौरान मनोज तिवारी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया था कि, 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर स्कूल जाना, प्लेटफार्म पर सोना यह सब बहुत याद आता है। लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है। मुझे नहीं पता था कि चलते-चलते मुझे नरेंद्र मोदी जी मिल जाएंगे। इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने पहले एलबम को रिलीज करने के दौरान हुई मुश्किलों के बारे में भी बात की।

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