भारत ने श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-0 से अपने नाम कर लिया। श्रीलंकाई टीम भारतीय मैदान पर लगातार सातवीं सीरीज हारी। दोनों टीमों के बीच भारतीय मैदानों पर कुल नौ सीरीज खेले गए हैं। इस दौरान दो ड्रॉ रहे हैं। भारत की इस जीत में कई सकारात्मक पहलू रहे तो कुछ श्रेत्रों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। कप्तान रोहित शर्मा वनडे और टी20 के बाद कप्तान के तौर पर टेस्ट में भी हिट हो गए हैं। वहीं, श्रेयस अय्यर ने मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे के जगह पर कब्जा जमा लिया है। रवींद्र जडेजा ने एक ऑलराउंडर के तौर पर खुद को साबित किया है।
आलोचनाओं के बावजूद पंत ने नहीं छोड़ा अपना अंदाज और बने मैच विनर: इस सीरीज से पहले ऋषभ पंत की आलोचना दक्षिण अफ्रीका में जमकर हुई थी। वे महत्वपूर्ण मौकों पर अपना विकेट गंवाने के लिए जाने जाते हैं। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में पंत ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की। उन्होंने पहले टेस्ट की पहली पारी में 96 रन बनाए थे। संयम के साथ-साथ आक्रामकता भी उन्होंने अपनी पारी में दिखाई थी। इसके बाद दूसरे टेस्ट की पहली पारी में महत्वपूर्ण 39 और दूसरी पारी में शानदार 50 रन बनाए। पंत को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
रोहित शर्मा वनडे- टी20 के बाद टेस्ट में भी हिट: रोहित शर्मा को पिछले साल के अंत में पहले टी20 और फिर वनडे टीम का कप्तान बनाया गया। इस बार फरवरी में उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई। रोहित ने पूर्णकालिक कप्तान बनने के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20, वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 के साथ वनडे और श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज को अपने नाम किया था। अब उन्होंने टेस्ट में भी कप्तानी की शुरुआत जीत के साथ की है।
श्रेयस अय्यर ने किया अपना स्थान पक्का: श्रेयस अय्यर को अजिंक्य रहाणे की जगह टीम में शामिल किया गया। पिछली बार जब वे न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे तब रहाणे एक मैच में टीम के कप्तान थे। वहीं, दूसरे टेस्ट में रहाणे के चोटिल होने के कारण उन्हें मौका मिला था।
इस बार रहाणे को टीम से बाहर कर दिया गया। अय्यर ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया। उन्होंने दो टेस्ट मैचों की तीन पारियों में क्रमश: 27, 92 और 67 रन बनाए। अय्यर को दूसरे टेस्ट में मैन ऑफ द मैच चुना गया।रवींद्र जडेजा ने ऑलराउंडर के तौर पर खुद को किया साबित: रवींद्र जडेजा पहले भी गेंद और बल्ले से कमाल करते हुए नजर आए हैं, लेकिन इस टेस्ट में उन्होंने बतौर ऑलराउंडर खुद को साबित किया।
जडेजा ने तीन पारियों में क्रमश: 175, 4 और 22 रन बनाए। वहीं, गेंदबाजी में जडेजा ने कुल 10 विकेट लिए। वे सीरीज के दौरान ही टेस्ट में दुनिया के नंबर-एक ऑलराउंडर बने।
जसप्रीत बुमराह की धमाकेदार वापसी: वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में नहीं खेलने वाले जसप्रीत बुमराह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की। उन्होंने दो टेस्ट मैचों में कुल 10 विकेट लिए। पहले टेस्ट में बुमराह ने कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने कहर बरपा दिया। उन्होंने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में तीन विकेट अपने नाम किए।
चेतेश्वर पुजारा की जगह हनुमा विहारी फेल: भारत के दिग्गज बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे के साथ-साथ अनुभवी चेतेश्वर पुजारा को भी टीम से बाहर किया गया। पुजारा ने जनवरी 2019 के बाद से कोई शतक नहीं लगाया था। उनके स्थान पर हनुमा विहारी को तीसरे क्रम पर खेलने का मौका मिला। हनुमा ने हर बार अच्छी शुरुआत की, लेकिन वे उसे बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे। पुजारा जैसे खिलाड़ियों की जगह लेने के लिए आपको बड़ी पारियां खेलनी होती है। इस मामले में विहारी ने निराश किया है। उन्होंने क्रमश: 58, 31 और 35 रन बनाए।
मयंक अग्रवाल मौकों को भुनाने में नाकाम: स्टार बल्लेबाज केएल राहुल की अनुपस्थिति में मयंक अग्रवाल को ओपनिंग करने का मौका मिला। वे एक बार फिर से फेल हो गए। मयंक ने 33, चार और 22 रन की पारी खेली। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने 15, सात, 26, 23, 60 और चार रन बनाए थे। मयंक के नाम नौ पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक हैं। राहुल के आने के बाद उन्हें टीम से बाहर जाना पड़ेगा।
विराट कोहली शतक लगाने में एक बार फिर नाकाम: टेस्ट क्रिकेट में अभी सबसे ज्यादा किसी चीज का इंतजार दुनिया भर में लोग कर रहे हैं तो वह कोहली का 71वां अंतरराष्ट्रीय शतक है। विराट ने 22 नवंबर 2019 के बाद से टेस्ट, वनडे और टी20 में कोई शतक नहीं लगाया है। उम्मीद थी कि श्रीलंका जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ कोहली इस सूखे को समाप्त कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब विराट कोहली जुलाई तक इंतजार करना होगा।
रोहित शर्मा बल्लेबाज के तौर पर फेल: कप्तान के तौर पर रोहित तो हिट रहे, लेकिन बतौर बल्लेबाज उन्होंने निराश किया है। हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके। उन्होंने तीन पारियों में 29, 15 और 46 रन बनाए। रोहित के लिए यह साल बल्लेबाज के तौर पर निराशाजनक रहा है। उनके फैंस को उम्मीद है कि वे आईपीएल के दौरान ताबड़तोड़ रन बनाते नजर आएंगे।
भारतीय पिचों पर एक बार फिर से स्पिनर्स का जलवा: भारतीय पिचों पर एक बार फिर से स्पिनरों का जलवा देखने को मिला। भारत के लिए इस सीरीज की चार पारियों में स्पिनरों ने 40 में से 25 विकेट झटके। अश्विन ने 12, जडेजा ने 10 और अक्षर पटेल ने तीन विकेट लिए। श्रीलंकाई टीम की बात करें तो भारत के गिरे 27 विकेट में से स्पिनरों ने उसके लिए 19 विकेट लिए।