KV MP Quota Admission: जल्द खत्म हो सकता है केंद्रीय विद्यालय से सांसद कोटा, जानें इस नियम के बारे में सबकुछ 

बीते हफ्ते लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जब देश के केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा की सीटों को बढ़ाने या इसे खत्म करने की मांग सदन के सामने रखी थी, तभी से इसको लेकर सियासी चर्चा जारी है। कई सांसद ने इस कोटे को भेदभावपूर्ण बताकर खत्म करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं, कई इसे खत्म करने के बजाय सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसे लेकर सभी दलों को चर्चा करने का निर्देश दिया है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है सदन मिलकर इस बात का फैसला करेगी कि क्या सांसद कोटे को बढ़ाया जाए या इसे खत्म कर दिया जाए। हम आपको इस खबर में केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा के बारे में सभी जरूरी जानकारी दे रहे हैं।



KV Admission: 1963 में हुई थी स्थापना 

आज आपको देश के लगभग हर शहर में एक केंद्रीय विद्यालय देखने को मिल जाता है। कई एकड़ के कैंपस में फैला यह विद्यालय आम लोगों और छात्रों को हमेशा लुभाता है। शायद ही कोई ऐसे नौकरीपेशा अभिभावक होंगे, जो अपने बच्चे को केंद्रीय विद्यालय में न भेजना चाहते हो। पहली बार केंद्रीय विद्यालय की स्थापना 1963 में की गई थी। वर्तमान में देश में करीब 1200 से अधिक केंद्रीय विद्यालय हैं। इनका संचालन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा किया जाता है।

इनकी स्थापना केंद्र सरकार के विभागीय अधिकारियों, सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों को बेहतर शिक्षण सुविधा देने के लिए की गई थी। इसके पीछे का मकसद था कि अधिकारियों के ट्रांसफर का असर उनके बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े।

KV MP Quota Admission: क्या है केंद्रीय विद्यालय में सांसद कोटा?

साल 1975 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में विशेष योजना के तहत सांसद कोटा का निर्धारण किया था। इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए सीटों की संख्या तय की गई थी। इसके माध्यम से जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के प्रमुख और जरूरतमंद लोगों को सुविधा दे सकते थे। सांसद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन को एक कूपन और छात्र जिसका प्रवेश कराना हो उसकी पूरी जानकारी भेजते हैं।

इसके बाद संगठन द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर शॉर्टलिस्ट किए गए छात्र का नाम जारी किया जाता है और इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि यह सुविधा केवल पहली से नौवीं कक्षा तक ही लागू होती है। सांसदों के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भी 450 छात्रों को प्रवेश दिलाने का कोटा दिया गया है।

KV MP Quota Admission: समय के साथ बढ़ती गई सीटों की संख्या

सांसद कोटा के तहत सीटों की संख्या में समय-समय पर इजाफा भी होता आया है। शुरुआत में एक सांसद केवल दो छात्रों के लिए सिफारिश कर सकते थे। साल 2011 में इसे बढ़ाकर पांच, 2012 में छह और 2016 में 10 तक कर दिया गया। हालांकि, सांसदों का कहना है कि उनके क्षेत्र में जनसंख्या लाखों में हैं। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश की सिफारिश के लिए सांसद कोटा के मुकाबले कहीं ज्यादा अनुरोध आते हैं। इसलिए, सीटों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए।

कब-कब बढ़ी सांसद कोटे की सीटें

बदलाव वर्ष सीटों की संख्या

2011 से पहले 02

2011 के बाद05

2012 में 06

2016 में 10

KV MP Quota Admission: क्यों हो रहा है कोटे का विरोध?

सांसद कोटे को लेकर सदन दो धड़े में बंटा हुआ है। एक धड़ा इसे खत्म करने की मांग कर रहा है, तो वहीं दूसरा सीटों की संख्या को बढ़ाने की। जानकार बताते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रत्येक सांसद की ओर से 10 सीट पर प्रवेश के आंकड़ों का आकलन करें तो कोटे के तहत प्रवेश की संख्या हजारों में होती है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कोटे के तहत प्रवेश विद्यालयों में पहले से निर्धारित सीटों से अलग होता है। ऐसे में छात्रों की संख्या अधिक होने से शिक्षक छात्र अनुपात पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा लाखों लोगों के प्रतिनिधि की ओर से कुछ छात्रों के प्रवेश के लिए अनुरोध कहीं न कहीं भेदभावपूर्ण भी लगता है। यही कारण है कि इस कोटे का विरोध हो रहा है।

KV MP Quota Admission: सदन में विरोध और समर्थन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांसद कोटे के ऊपर चल रहे विवाद पर कहा था कि अगर सदन स्कूलों में सांसद कोटा को खत्म करने के लिए एकमत है तो सरकार इस दिशा में काम कर सकती है। उन्होंने कहा था कि हम यहां हम जनता के प्रतिनिधि हैं केवल कुछ लोगों के नहीं। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ने भी इस कोटे को भेदभावपूर्ण बताया था। वहीं, कई सांसदों ने कोटा को खत्म करने का विरोध भी किया।

टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा ने कहा कि सांसद के पास केंद्रीय स्कूलों में प्रवेश के लिए कई अनुरोध आते हैं। ऐसे में सांसद कोटा की 10 सीटों में वृद्धि की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे दूर करना बहुत मुश्किल होगा। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी सांसद कोटे को खत्म करने पर चर्चा के लिए शून्य काल में नोटिस दिया है।

error: Content is protected !!