राज कपूर (Raj Kapoor) अपने समय से आगे की फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे. राज कपूर ने जब ‘राम तेरी गंगा मैली’(Ram Teri Ganga Maili) फिल्म बनाई तो तहलका मच गया था. 80 के दशक में मंदाकिनी (Mandakini) को बोल्ड अंदाज में सिल्वर स्क्रीन पर पेश कर राज कपूर ने सनसनी फैला दी थी. इस फिल्म के गाने भी बेहद शानदार थे. राज कपूर अपनी फिल्मों के साथ बहुत एक्सपेरिमेंट करते थे. फिल्म में हीरोइन को झीनी साड़ी में नहाने और स्तनपान करवाने वाले सीन की वजह से तो जाना ही जाता है लेकिन एक दूसरे वजह से भी इसकी चर्चा होती है. होली के मौके पर उसके बारे में बताते हैं.
एक जमाना था जब राज कपूर की होली पार्टी में जाने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार किया करता था. अब ना तो राज कपूर रहें, ना ही उनके जैसी होली पार्टी करने वाले लोग. हालांकि कुछ किस्से ऐसे हैं कि जिनका जिक्र अक्सर ऐसा होता है. राज कपूर की पार्टी में फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार शिरकत करते थे, खूब मौज मस्ती, हुड़दंग होता था, लेकिन सबके जाने के बाद शाम को आर के स्टूडियो में किन्नर आते थे. A
‘राम तेरी गंगा मैली’ के गाने पर किन्नरों जता दिया था ऐतराज
राज कपूर किन्नरों के साथ होली खेलते थे. रंग-गुलाल के बाद गाना बजाना तो होता ही था, राज कपूर इन पर इतना भरोसा करते थे कि अपनी अपकमिंग फिल्मों के गाने सुनाते थे, कहते हैं कि जब किन्नरों की मंजूरी मिल जाती थी, तभी उस गाने को अपनी फिल्मों में रखते थे. कुछ ऐसा ही किस्सा है 1985 में आई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’की. हमेशा की तरह राज कपूर ने किन्नरों को इस फिल्म के गाने सुनवाए. बाकी सारे गानों पर किन्नरों की हरी झंडी मिल गई लेकिन एक गाने पर उन्हें आपत्ति थी. जब किन्नरों को गाना पसंद नहीं आया तो राज कपूर ने संगीतकार रविंद्र जैन को बुलाया और कहा कि इसके बदले एक नया गाना बनाया जाए.
‘सुन साहिबा सुन’ ने मचा दी थी धूम
राज कपूर के कहने पर ‘सुन साहिबा सुन’ गाना तैयार किया गया. किन्नरों ने इस सुनकर कहा कि देख लेना ये गाना बरसों चलेगा. इसे संजोग कहे या फिल्ममेकर का किन्नरों पर अगाध विश्वास, जब ये फिल्म रिलीज हुई तो इस गाने ने धूम मचा दी. रविद्र जैन को फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था. ये फिल्म ने उस साल सबसे कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी.