नयी सदी में नए जिलों की होड़, छत्तीसगढ के बाद आंध्र बनाएगा रिकॉर्ड, अस्तित्व में आएंगे एक साथ 13 नए जिले

रायपुर: 13 new districts existence in AP : 21वीं सदी में जिला बनाने की जैसे होड़ हो गई है, 2012 में छत्तीसगढ़ में एक साथ 9 जिले बनाए गए थे, वहीं अब इस रिकॉर्ड को आंध्रप्रदेश तोड़ने जा रहा है, कल यानि 4 अप्रैल से आंधप्रदेश में 13 नए जिले अस्तित्व में आ जाएंगे, जिसकी घोषणा जेएम रेड्डी सरकार ने 26 जनवरी के मौके पर की थी। जिसके बाद अब राज्य में जिलों की कुल संख्या बढ़कर 26 हो गई है। वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ में एक साथ नौ जिले बनाए गए थे।



 

दो गुना हुई जिलों की संख्या
13 new districts existence in AP : वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ में एक साथ नौ जिले बनाए गए थे, ​जिनमें से ज्यादातर जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थे। भूपेश सरकार बनने के बाद ‘गौरेला पेंड्रा मरवाही’ नया जिला बनाया गया, उसके बाद फिर से एक साथ 4 जिले सक्ति, मोहला मानपुर, सारंगढ़ और मनेंद्रगढ़ की घोषणा की गई। वहीं चुनावी घोषणा को सही माने तो खैरागढ़ जल्द ही एक नया जिला बन सकता है। 16 जिलों के साथ मध्यप्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ में अब तक 32 जिले हो चुके हैं, यानि के दोगुना । इसी प्रकार आंध्रप्रदेश में एक ही झटके में जिलों की संख्या दो गुना कर दी गई है।

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Thief : पहरिया गांव की ऑटो पार्ट्स दुकान के सामने से बाइक की चोरी करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार, बलौदा पुलिस की कार्रवाई

 

22 साल में 162 नए जिले आंकड़ों पर नजर डालें तो यह काफी हैरान करने वाले हैं, 2001 में देश में कुल 593 जिले थे जो 2011 में बढ़कर 640 हो गए। 2021 में देशभर में जिलों की संख्या 742 थी अब 4 अप्रैल 2022 से कुल जिलों की संख्या 755 हो जाएंगे। इस तरह देखें तो 22 साल में 162 जिले बढ़ गए।

क्या कहते हैं पूर्व नौकरशाह
नए जिलों के गठन को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व नौकरशाह बी.के.एस रे का मानना है कि ”नए जिलों का गठन प्रशासनिक मजबूती से ज्यादा राजनीतिक मजबूरी है, वे कहते है कि राजनीतिक दल जनता को खुश करने के लिए इस तरह के निर्णय लेते हैं, उन पर जनता का दबाव रहता है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते हैं। ऐसे फैसले लेने से पहले वित्तीय भार समेत हर पहलू पर नजर डालनी चाहिए”।

इसे भी पढ़े -  Bamhanidih FIR : बड़गड़ी गांव में उपसरपंच को समझाना पड़ा मंहगा, युवक ने उपसरपंच से गाली-गलौज कर की मारपीट, बम्हनीडीह थाना में आरोपी युवक के खिलाफ जुर्म दर्ज

वहीं पूर्व IAS ओपी चौधरी का कहना है कि ”नए जिले आंध्र प्रदेश की जरूरत थी क्यों कि वहां जिले काफी बड़े थे, लेकिन यह बात भी सही है कि कई बार प्रशासनिक दृष्टि को नजर अंदाज करते हुए इस प्रकार से जिले बना दिए जाते हैं”

छत्तीसगढ़ के साथ अलग हुए अन्य राज्यों की बात करें तो झारखण्ड और उत्तराखण्ड में जिलों की संख्या में छत्तीसगढ़ की तुलना में बहुत कम इजाफा हो पाया है। आपको बता दें, वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 2019 के विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान इन ने जिलों का वादा किया था, उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो हर लोकसभा क्षेत्र को एक जिला बना देगी। राज्य में 25 लोकसभा सीटें हैं, पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम में आदिवासी क्षेत्रों को तराश कर एक जिला भी बनाया गया है।

 

कौन से हैं नए जिले? बता दें, इन 13 नए जिलों के बनने से अब राज्य में 26 जिले हो जाएंगे। नए जिलों में मान्यम, अल्लूरी सीताराम राजू, अनाकापल्ली, काकीनाडा, कोना सीमा, एलुरु, एनटीआर, बापटिया, पलनाडु, नंदयाल, श्री सत्यसाई, अन्नामय्या, श्री बालाजी शामिल हैं। वहीं पुराने 13 जिलों में श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, कृष्णा, गुंटूर, प्रकाशम, नेल्लोर, अनंतपुरम, कडपा, कुरनूल और चित्तूर शामिल हैं।

इसे भी पढ़े -  Pamgarh Big News : एनीकट को पार करते बहे युवक की 26 घण्टे बाद लाश मिली, SDRF और DDRF के रेस्क्यू में शव बरामद...

error: Content is protected !!